हिमांशु ….. पैरी टाईम्स डेस्क 24×7 गरियाबंद
देवभोग आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन में भाजपा नेता चमार सिंह पात्र को कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही आत्मचिंतन मोड में भेज दिया गया। आखिर ऐसा क्या था कि मंच से पहले ही बोलने का मौका रोक दिया गया? पढ़िए पूरी रिपोर्ट Pairi Times 24×7 पर।
गरियाबंद/देवभोग में आज का दिन भाजपा संगठन के इतिहास में कुछ आत्मनिर्भर किस्म का रहा। विधानसभा स्तरीय आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पूर्व जिला मंत्री चमार सिंह पात्र कुछ समय के लिए संगठनात्मक आत्मचिंतन में भेज दिए गए। कारण वही पुराना पार्टी मंच पर बोलने से पहले बात फैल गई कि वे संगठन में हुई नियुक्तियों की विसंगतियों पर खुलकर राय रखने वाले हैं। और बस फिर क्या था, संगठन ने शांति की व्यवस्था में भी आत्मनिर्भरता दिखा दी ।

देवभोग आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन संगठन की साइलेंट स्ट्रैटेजी काम आई
देवभोग के मिनी स्टेडियम में दोपहर ढाई बजे से आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन का भव्य आयोजन शुरू हुआ। मंच पर प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विभा अवस्थी, तथा केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त चंदूलाल साहू समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे। बताया जाता है कि मंच की तैयारी के साथ-साथ वातावरण की शांति भी सुनिश्चित की जा रही थी। इसी क्रम में चमार सिंह को कुछ समय के लिए स्थानीय थाना परिसर में संगठन के अनुशासन के तहत ठहराया गया ताकि मंच पर कोई अनावश्यक विवाद न उपजे। भाजपा के भीतर इसे शांति की व्यवस्था कहा गया, पर बाहर वालों को यह साइलेंट स्ट्रैटेजी ज्यादा लगी। आखिर पार्टी के आत्मनिर्भर सम्मेलन से पहले किसी नेता का आत्मचिंतन में भेजा जाना अपने आप में एक नया प्रयोग था।
आवाज़ उठाना गुनाह नहीं, समर्पण की निशानी है
कुछ देर बाद समाज के लोगों और स्थानीय कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप से मामला सहजता से सुलझ गया। जब चमार सिंह को फिर से कार्यक्रम स्थल में आने की अनुमति दी गई, तो उन्होंने मंच पर मुस्कराते हुए कहा
मैंने क्या गुनाह किया? बस संगठन की भलाई के लिए बात रखना चाहता था। अगर यह भी आत्मनिर्भरता का हिस्सा है, तो मुझे उस पर गर्व है।
उनकी यह बात सुनकर कई कार्यकर्ताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई। सबने माना कि चमार सिंह ने जो कहा, वह पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के मन की बात थी बस फर्क इतना कि उन्होंने उसे माइक पर बोलने की हिम्मत कर ली थी।
आत्मनिर्भर भारत में आत्मनियंत्रण भी जरूरी!
सम्मेलन पूरे अनुशासन और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। मंच से जब प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में संगठन मजबूत कदम बढ़ा रहा है तो पीछे बैठे कुछ कार्यकर्ताओं ने हंसते हुए कहा संगठन तो इतना आत्मनिर्भर हो गया है कि अब अपनी असहमति भी खुद ही संभाल लेता है।भले ही यह बात व्यंग्य में कही गई हो, मगर इसने पूरे आयोजन को एक अलग रंग दे दिया। देवभोग के लोगों के लिए यह आयोजन सिर्फ आत्मनिर्भर भारत का संदेश नहीं, बल्कि संगठन में आत्मसंयम की मिसाल भी बन गया।
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