रिपोर्टर: पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
वाह जी प्रशासन गरियाबंद जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप! गरियाबंद के पटाखा व्यापारी नाराज, बोले- हमें गांधी मैदान भेजा, पर राजनीतिक पकड़ वालों को घर से बेचने की छूट। क्या प्रशासन कर रहा भेदभाव? पढ़ें पैरी टाइम्स 24×7 की पूरी रिपोर्ट।
गरियाबंद में दीपावली से पहले पटाखा बाजार में सबका साथ, सबका विकास नहीं, बल्कि कुछ का साथ, कुछ का विकास वाला सीन चल रहा है। गरियाबंद के पटाखा व्यापारी (Focus Keyword) जिला प्रशासन के इस अनोखे न्याय से खासे नाराज हैं। प्रशासन ने फरमान तो जारी कर दिया कि भईया, सब लोग नियम-कानून से गांधी मैदान में दुकान लगाओ, लेकिन लगता है ये नियम सिर्फ आम व्यापारियों के लिए ही बने हैं। आरोप है कि कुछ पहुंच वाले और राजनीतिक पकड़ रखने वाले वीआईपी लोगों के लिए प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम की स्पेशल सुविधा दे रखी है।

वाह जी प्रशासन गरियाबंद नियम-कानून की होम डिलीवरी सिर्फ चुनिंदा लोगों के लिए?
मामला बड़ा दिलचस्प है। गरियाबंद जिला प्रशासन ने शहर के सभी पटाखा व्यापारियों को सुरक्षा कारणों से गांधी मैदान में स्टॉल लगाकर ही पटाखे बेचने का आदेश दिया। बेचारे आम व्यापारी प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए गांधी मैदान की धूल फांकने पहुंच गए। लेकिन, असली खेल तो शहर के अंदर चल रहा है। सूत्रों की मानें तो, कुछ अति-विशिष्ट व्यापारी अपने आलीशान घरों और दुकानों से ही पटाखों का शुभ-लाभ कर रहे हैं, और प्रशासन मौन व्रत धारण किए बैठा है। इन्हें न तो गांधी मैदान जाने की जहमत उठानी पड़ रही है और न ही किसी नियम का डर है।
छुट भैया नेता जी और द्विवेदी जी की स्पेशल स्कीम!
गांधी मैदान में बैठे व्यापारियों का आरोप है कि ये स्पेशल ट्रीटमेंट पाने वालों में एक पोस्ट ऑफिस के पीछे वाले छुट भैया भाजपा नेता जी के परिजन शामिल हैं। बताया जा रहा है कि नेता जी हर साल की तरह इस साल भी बेधड़क होकर अपने घर से ही पटाखा सेवा दे रहे हैं। वहीं, किसान राइस मिल के पीछे स्थित श्री विद्याभूषण द्विवेदी जी भी घर पर पटाखा योजना का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा भी कुछ लोगों की शिकायत पटाखा व्यापारियों ने लिखित में की है शिकायत नहीं होने के चलते इन्हें देखकर गांधी मैदान के व्यापारी बस यही सोच रहे हैं कि हमसे का भूल हुई, जो ये सजा हमको मिली।
गांधी मैदान में सजा, बाहर वालों को मजा व्यापारियों का धंधा चौपट
गांधी मैदान में दुकान लगाए बैठे गरियाबंद के पटाखा व्यापारी अब मक्खी मारने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि जब शहर के अंदर ही गली-गली में वीआईपी पटाखे उपलब्ध हैं, तो कोई ग्राहक इतनी दूर मैदान तक कष्ट करने क्यों आएगा? व्यापारियों ने रोष जताते हुए कहा कि प्रशासन उन्हें तो नियम-कायदों का लंबा-चौड़ा लेक्चर देता है, लेकिन अपने चहेतों को इन्हीं नियमों की किताब फाड़कर फेंकने की खुली छूट दे रखी है। इस सेटिंग के खेल से उनका पूरा धंधा चौपट हो रहा है।
SDO दफ्तर पहुंची शिकायत, पर कार्रवाई का इंतजार
प्रशासन के इस दोहरे मापदंड और भेदभाव पूर्ण रवैये से तंग आकर व्यापारियों ने एकजुट होकर अनुभागीय अधिकारी (SDO) गरियाबंद के दफ्तर में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी पूरी व्यथा सुनाई और उन खास लोगों के नाम भी बताए जो घर से बिक्री कर रहे हैं। मगर अब तक इस मामले में किसी भी तरह की कोई जांच या एक्शन नहीं हुआ है।
क्या नियम कानून सिर्फ आमजनों के लिए है ?
अब सवाल यह उठता है कि क्या गरियाबंद में नियम सिर्फ आम आदमी के लिए हैं? क्या जिला प्रशासन इन वीआईपी पटाखा व्यापारियों पर कोई कार्रवाई करेगा, या फिर गांधी मैदान के व्यापारी यूं ही न्याय की आस में प्रशासन का मुंह ताकते रह जाएंगे? पैरी टाइम्स 24×7 इस पूरे पटाखा-खेल पर नजर बनाए रखेगा। इस खबर पर हम प्रशासन की कार्यवाही करते तक पूरी नजर बनाए रखेंगे


