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हाईटेक पशु तस्करी गरियाबंद में हाई-टेक पशु तस्करी बैल पैदल, सरगना 10 लाख की एर्टिगा में कर रहा था रेकी। देवभोग पुलिस ने मुख्य आरोपी को उड़ीसा से दबोचा।
गरियाबंद (देवभोग) जमाना बदल गया है, और इसी के साथ पशु तस्करी के तरीके भी अपग्रेड हो गए हैं। गरियाबंद जिले की देवभोग पुलिस ने एक ऐसी ही लग्जरी तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसका मैनेजमेंट देखकर बड़ी-बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां भी शर्मा जाएं। इस गिरोह के बैल तो बेचारे पैदल ही यात्रा कर रहे थे, लेकिन उनका मालिक और मैनेजर10 लाख रुपये की चमचमाती एर्टिगा कार में घूम रहा था।

हाईटेक पशु तस्करी मैनेजमेंट देख बड़े बड़े शर्मा जाए
यह अनोखा कारनामा 27 वर्षीय मुख्य सरगना चित्रसेन मेहरा का है, जो मूल रूप से उड़ीसा का रहने वाला है। चित्रसेन ने तस्करी के लिए एक फुलप्रूफ (जैसा उसे लगा) प्लान बनाया था। उसने बैलों को पैदल हांकने के लिए दो कर्मचारी (लक्ष्मण मेहरा और हरि मेहरा) को ग्राउंड स्टाफ के तौर पर रखा। खुद के आने-जाने, मजदूरों को पिक-अप और ड्रॉप सर्विस देने के लिए और सबसे महत्वपूर्ण, रिस्क मैनेजमेंट के लिए एक 10 लाख की कंपनी कार यानी एर्टिगा रखी गई थी। प्लान यह था कि मजदूर बेचारे जानवरों को हांकते हुए पैदल चलेंगे, और बॉस एर्टिगा में आगे-आगे चलकर पुलिस की रेकी करेगा। अगर कहीं नाकाबंदी दिखी, तो तुरंत फोन करके ग्राउंड स्टाफ को अलर्ट कर दिया जाएगा। वाह! क्या वर्क फ्रॉम रोड मॉडल था।
ऐसे फूटा कॉर्पोरेट प्लान
14 अक्टूबर को देवभोग पुलिस ने ग्राउंड स्टाफ यानी लक्ष्मण और हरि को 19 बैलों के साथ धर दबोचा। जब इनसे पूछताछ हुई, तो इन्होंने अपने मैनेजर चित्रसेन मेहरा और उसकी कंपनी कार का सारा राज उगल दिया। पुलिस भी हैरान रह गई कि 1 लाख 90 हजार के बैलों की तस्करी के लिए 10 लाख की गाड़ी का इस्तेमाल हो रहा है। यानी, बैलों से ज्यादा कीमत तो एस्कॉर्ट व्हीकल।की थी।
मैनेजर भी चढ़ा हत्थे
पुलिस ने एंड-टू-एंड कार्रवाई करते हुए 20 अक्टूबर को मुख्य सरगना चित्रसेन को उड़ीसा के नवरंगपुर से दबोच लिया। आरोपी ने शान से कबूल किया कि हां, एर्टिगा (OD 24 K 5470) उसी की है और वह इसका इस्तेमाल मजदूरों को लाने-ले जाने और पुलिस से बचने के लिए रूट क्लियरेंस देखने में करता था। फिलहाल, पुलिस ने 19 बैलों के साथ-साथ इस लग्जरी तस्करी में इस्तेमाल हुई 10 लाख की एर्टिगा कार को भी जब्त कर लिया है। तीनों आरोपी (दो पैदल और एक सवार) अब न्यायिक रिमांड पर हैं, और एर्टिगा थाने में खड़ी शायद सोच रही है कि उसे बैलों की जगह किसी और लग्जरी काम में इस्तेमाल होना चाहिए था।
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