सालखपरी तस्करी गरियाबंद देवभोग पुलिस की बड़ी कार्रवाई,ओडिशा से छत्तीसगढ़ हो रही सालखपरी तस्करी का पर्दाफाश। मारुति K10 में ले जा रहे 9 Kg जिंदा पैंगोलिन और 6 Kg छाल जब्त। 11.70 लाख के माल सहित 3 आरोपी गिरफ्तार। पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स पर ।
गरियाबंद (देवभोग) रातों-रात लखपति बनने का सपना देखना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन जब सपना पूरा करने के लिए आप किसी विलुप्तप्राय जीव को ही प्रॉडक्ट बना लें, तो फिर गरियाबंद पुलिस आपका सपना तोड़ने में जरा भी देर नहीं लगाती। ऐसा ही एक सालखपरी तस्करी (Pangolin Smuggling) का शानदार प्रयास गरियाबंद की देवभोग पुलिस ने नाकाम कर दिया है। कुछ शातिर दिमाग लोग शायद गेट रिच क्विक स्कीम से कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो गए थे। उन्होंने एक 9 किलो के जिंदा सालखपरी (पैंगोलिन) को एक छोटी सी मारुति K10 कार में ठूंस दिया और चल पड़े अपनी कीमती डिलीवरी देने । लेकिन उनका बिजनेस प्लान खुटगांव के नाके पर ही चौपट हो गया।

सालखपरी तस्करी गरियाबंद पुलिस की नाकाबंदी और हाईवैल्यू तस्करों का ड्रामा
मामला 26 अक्टूबर की रात का है। देवभोग थाने के सहायक उप निरीक्षक (ASI) अपनी टीम के साथ रात्रि गश्त पर थे। तभी हमेशा की तरह पुलिस के भरोसेमंद मुखबिर ने एक गरमा-गरम सूचना दी। सूचना थी कि ओडिशा से छत्तीसगढ़ की ओर एक सफेद मारुति K10 (OD 08 D 7638) और एक HF डीलक्स बाइक (CG 05 C 9151) पर कुछ अमूल्य सामान आ रहा है। यह सामान कुछ और नहीं, बल्कि संरक्षित वन्य जीव सालखपरी और उसकी छाल थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी और खुटगांव के अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट पर नाकाबंदी का जाल बिछा दिया।

कैसे फँसे खतरों के खिलाड़ी ?
कुछ समय बाद, मुखबिर द्वारा बताई गईं दोनों गाड़ियाँ एक-दूसरे के पीछे आती दिखीं। पुलिस ने जब उन्हें रोका तो गाड़ी में बैठे लोग शायद सोच रहे होंगे कि सब मैनेज हो जाएगा।
- कार में ओडिशा के कालाहांडी निवासी भबतोश पात्र (55) और गोरे बारिक (55) सवार थे।
- बाइक पर देवभोग का ही एक एल स्थानीय कलाकार कौशल नागेश (35) सवार था, जो शायद लोकल सपोर्ट और लाइन क्लियर करने का काम कर रहा था।
डिक्की खुली तो उड़ गए होश 9 किलो का जिंदा खजाना ।
जब पुलिस ने मारुति K10 की तलाशी ली, तो डिक्की में एक प्लास्टिक की बोरी के अंदर 9 किलो का जिंदा सालखपरी (पैंगोलिन) मिला। बेचारा जीव शायद खुद सोच रहा होगा कि ये राइड आखिर कहाँ खत्म होगी। बाइक वाले भाई साहब भी कम नहीं थे। उनके थैले से दो प्लास्टिक की झिल्लियों में 6.13 किलो सालखपरी की छाल (Scales) मिलीं। लगता है, तस्करों का प्लान फुलप्रूफ था । एक जिंदा ले चलो, एक का छिलका ले चलो।
कुल 11.70 लाख का माल जब्त, बिजनेस प्लान चौपट
पुलिस ने मौके पर ही तौलकर्ता को बुलाया। पुलिस ने जब इन बिजनेसमैन से इस सामान और वाहनों के कागज मांगे, तो उनके पास कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं मिला। जाहिर है, जिंदा पैंगोलिन की होम डिलीवरी का कोई GST बिल तो होता नहीं है! पुलिस ने तुरंत 9 किलो का जिंदा पैंगोलिन, 6.13 किलो छाल, एक मारुति कार (कीमत 3.50 लाख) और एक बाइक (कीमत 20 हजार), कुल मिलाकर 11 लाख 70 हजार रुपये का माल जब्त कर लिया। तीनों आरोपियों भबतोश पात्र, गोरे बारिक और कौशल नागेश को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं (9, 39(ख), 52) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। अब वे पुलिस की मेहमाननवाजी का आनंद ले रहे हैं और शायद सोच रहे होंगे कि तस्करी के लिए कोई और आसान प्रोडक्ट चुनना चाहिए था। यह भी पढ़ें …. फिंगेश्वर में दिनदहाड़े गुंडागर्दी राहगीरों से मारपीट और लूटपाट का वीडियो वायरल 4 आरोपी हिरासत में । (अधिक जानकारी के लिए पढ़ें [वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 क्या है?])
9 लाख के पैंगोलिन सहित कुल 11.70 हजार की संपत्ति जब्त