हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद। जिले में खाद्य विभाग ने नियमों के उल्लंघन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष और राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन द्वारा संचालित दातार राइस मिल को सील कर दिया है। यह मिल वार्ड नंबर 15 में संचालित थी। जांच के दौरान स्टॉक में भारी कमी पाए जाने और कस्टम मिलिंग का कार्य न करने के कारण यह सख्त कदम उठाया गया।
स्टॉक में गड़बड़ी, 30 करोड़ के चावल बकाया
खाद्य विभाग ने जांच के दौरान पाया कि दातार राइस मिल में लगभग 30 करोड़ रुपए से अधिक के चावल बकाया हैं। स्टॉक में भारी कमी पाए जाने के साथ-साथ बचत स्टॉक को भी जब्त कर लिया गया। विभाग का कहना है कि कस्टम मिलिंग का कार्य न होने से चावल की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी, जिसके चलते मिल सील करने की कार्रवाई अनिवार्य हो गई।
अन्य राइस मिलें भी जांच के घेरे में
खाद्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिले की अन्य राइस मिलें, जो कस्टम मिलिंग के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं या जिनके स्टॉक में अनियमितताएं हैं, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई से कड़ा संदेश
इस मामले की खास बात यह है कि दातार राइस मिल के संचालक अब्दुल गफ्फार मेमन सत्ता पक्ष के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि हैं। इसके बावजूद खाद्य विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई कर यह साफ संदेश दिया है कि कानून सबके लिए समान है।
आगे की कार्रवाई पर नजरें
इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया है,विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में इस तरह की और भी कार्यवाही देखने को मिलिगी । इन कार्यवाही के बाद अब अन्य राइस मिल संचालक सतर्क हो गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि खाद्य विभाग की अगली जांच किसे निशाना बनाती है और क्या जिले में कस्टम मिलिंग की प्रक्रियाएं दुरुस्त हो पाती हैं।