हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद समेत पूरे छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों पर चला प्रशासनिक स्केल सरकार ने 10,463 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया है। सिर्फ गरियाबंद जिले में ही 420 स्कूल फिंगेश्वर, देवभोग, मैनपुर, छुरा क्षेत्रों में मर्ज किए जा रहे हैं।
गरियाबंद छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में इन दिनों ‘युक्तियुक्तकरण’ नामक ऑपरेशन ज़ोरों पर है। मंत्रालय महानदी भवन से जारी एक आदेश ने प्रदेश की 10,463 शालाओं को ऐसा हिलाया कि अब हर जिले के शिक्षा अधिकारी अपनी स्केल और सील लेकर स्कूलों की गिनती में जुटे हैं। और गरियाबंद…? वहां तो जैसे पूरा शिक्षा नक्शा ही नया खिंच गया है!

गरियाबंद समेत पूरे छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों पर चला प्रशासनिक स्केल
गरियाबंद समेत पूरे छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों पर चला प्रशासनिक स्केल क्या है ये ‘युक्तियुक्तकरण’?
स्कूल शिक्षा विभाग ने जिलों से प्राप्त प्रस्तावों और लोक शिक्षण संचालनालय की सिफारिशों को हरी झंडी देते हुए 5,849 ई-संवर्ग और 4,614 टी-संवर्ग कुल 10,463 शालाओं के पुनर्गठन का आदेश निकाला है। यह आदेश 27 मई से ही तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
गरियाबंद शिक्षा में सर्जरी, आंकड़ों के साथ
गरियाबंद जिले को दो हिस्सों में देखा जाए तो कहानी और भी दिलचस्प हो जाती है
एजुकेशन एरिया (फिंगेश्वर और देवभोग) में 107 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
वहीं ट्राइबल एरिया (गरियाबंद, छुरा, मैनपुर) में यह संख्या 313 स्कूलों तक पहुंच गई है!
मतलब गरियाबंद जिले में कुल 420 शालाओं का मर्जिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है वो भी बिना एनेस्थेसिया!
किसे फायदा, किसे घाटा?
सरकार का दावा है कि इससे शिक्षा संसाधनों का समुचित उपयोग होगा, शिक्षक समायोजन बेहतर होगा और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। लेकिन विपक्षी दल इस निर्णय को स्कूल बंदी का स्टाइलिश नाम बता रहे हैं।
फाइनल बेल बज चुकी है!
शिक्षा विभाग का ये आदेश अब रद्द होने वाला नहीं, बल्कि अमल में आने वाला है। लिहाजा स्कूल स्टाफ और पालक समितियों को अब खुद तय करना होगा युक्ति सही है या युक्तियुक्त भ्रम?
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