हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
रायपुर के बाद अब गरियाबंद में गार्डराज CMHO ऑफिस का संविदा गार्ड बोला देखता हूं किसने मां का दूध पिया है संविदा गार्ड शेष नारायण सिन्हा ने संविदा कर्मियों और डॉक्टरों को व्हाट्सएप ग्रुप में आंदोलन को लेकर खुलेआम दी धमकी देखता हूं किसने मां का दूध पिया है । पढ़िए पूरी खबर सूत्रों के हवाले से।
गरियाबंद रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में बाउंसरों की “पत्रकार पिटाई प्रकरण” अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि गरियाबंद में भी गार्डगिरी का नया अध्याय खुल गया है। जी हां, गरियाबंद के CMHO कार्यालय में पदस्थ संविदा गार्ड शेष नारायण सिन्हा ने सीधे-सीधे गरियाबंद के डॉक्टरों और कर्मचारियों को ललकारते हुए पूछा है अब देखता हूं किसने मां का दूध पीया है! और कौन सृष्टि यदु के खिलाफ आंदोलन में बैठता है ज्ञात हो कि इस मामले को लेकर पैरी टाइम्स ने अपने बुधवार के लेख में संदेह प्रकट किया था कि संविदा कर्मी जांच को कर सकते है प्रभावित और अब हुआ भी वही ।

रायपुर के बाद गरियाबंद में गार्डराज
रायपुर के बाद गरियाबंद में गार्डराज,व्हाट्सएप ग्रुप में खुलेआम संविदाकर्मियों और डाक्टरों को धमकी
गौरतलब है कि यह पवार फुल वही संविदा गार्ड हैं, जो CMHO गार्गी यदु पाल की बहन सृष्टि यदु पाल के समर्थन में TFC-NHM टेलीग्राम ग्रुप में बम की तरह मेसेज फोड़ते पाए गए। स्क्रीनशॉट अब सार्वजनिक हो चुके हैं, जिनकी पुष्टि Pairi Times 24×7 भले न करता हो, लेकिन सूत्रों के अनुसार मामला गरियाबंद से रायपुर तक की सियासी धमक ले चुका है।

डॉक्टरों की हड़ताल हुई डिलीट गार्ड की धमकी वायरल
अब देखता हूं किसने मां का दूध पिया है
कोई संविदा कर्मचारी को उंगली दिखाएगा तो काट दूंगा
सबसे पहले मीडिया मेरे पीछे दौड़ेगी
एक संविदा कर्मी पूरे जिले को हिलाकर रख दी है मुझे अच्छा लगता है

ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं
बल्कि TFC-NHM टेलीग्राम ग्रुप में गार्ड साहब की गूंजती हुई आवाज़ें हैं। Pairi Times 24×7 इस चैट की पुष्टि नहीं करता, लेकिन कर्मचारियों द्वारा संलग्न किए गए स्क्रीनशॉट इन दावों को मज़बूती देते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सीएमएचओ गर्गी यदु पाल की संविदा पदस्थ बहन सृष्टि यदु पाल के खिलाफ कलेक्टर को शिकायत सौंपी थी। आरोप था कि वह अस्पताल जाकर डॉक्टरों को धमकाती है उसने तरह तरह के कार्य करने कहती है नहीं किए जाने पर नौकरी से निकलने की धमकी तक देती रहती हैं। अब उसी के समर्थन में गार्ड शेष नारायण की ये व्साहाट्सएप चैट सामने आई है।

जानिए डॉक्टरों के हड़ताल का टाइमलाइन ड्रामा
शुक्रवार: 60+ स्टाफ ने कलेक्टर को दिया शिकायत पत्र, 48 घंटे का अल्टीमेटम ।
सोमवार: हड़ताल की बात आई-गई
मंगलवार: कुछ डॉक्टर “गायब” बताए गए
बुधवार: ओपीडी के बाहर बैठकर विरोध करते हुए कार्य करने की कोशिश, फिर सीन बदल गया
गुरुवार: काली पट्टी योजना बनी, लेकिन जैसे ही ऊपर तक खबर गई, काली पट्टी खुद ही काली हो गई ।
गुरुवार को भी दिन भर माहौल बना रहा शाम होते तक पड़ गया ठंडा
सूत्रों की मानें टबगुरुवार को ही सुबह से गार्ड शेष नारायण सिन्हा के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करने डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी शिकायत पत्र बनाते रहे । शाम तक लैटर तैयार भी हों गया मगर थाने पहुंचते तक डॉक्टरों की संख्या दहाई से इकाई तक आई । उसके बाद थाने में लैटर लेकर जरूर पहुंचे मगर कुछ देर में फिर सेटलमेंट और दबाव की राजनीति के चलते बैरंग ही वापसी की ।गौरतलब है कि सीएमएचओ कार्यालय में माहौल अब किसी हॉस्पिटल से ज़्यादा एक राजनीतिक अखाड़ा जैसा बन चुका है, जहां संविदा कर्मचारी भी अब ‘फुल टाइम नेता’ की भूमिका निभाने लगे हैं।
क्या सृष्टि प्रकरण से जुड़ा है गार्ड का गुस्सा?
गौरतलब है, कि बीते शुक्रवार को CMHO गार्गी यदु पाल की बहन सृष्टि यादव के खिलाफ 60+ डॉक्टरों और कर्मचारियों ने हस्ताक्षरित शिकायत कलेक्टर को सौंपी थी। उस पर कार्रवाई तो नहीं हुई, परन्तु उसके बाद से लगातार ‘दबाव की राजनीति’ चालू है।सूत्रों की मानें, तो गार्ड की यह गुंडागर्दी उसी शिकायत का रिएक्शन मानी जा रही है, जिसको लेकर डॉक्टर और संविदा कर्मी आंदोलन कर रहे थे पर हस्ताक्षर करते ही कई कर्मचारियों के फोन बजने लगे थे क्या ज़रूरत थी लिखने की? भूल जाओ, सब नॉर्मल हो जाएगा। यहां तक उन्हें आंदोलन मैं बैठने तक को लेकर धमकाया जा रहा है
सवाल वही जब गार्ड ही धमका दे, तो डॉक्टर शिकायत किसकी करें?
अब जिला अस्पताल में डॉक्टर मरीजों का इलाज करें या अपनी इज्जत बचाएं, ये तय करना बाकी है। CMHO कार्यालय को लेकर नित नए नए खुलासे और राजनीतिक उठा पटक की चर्चा पूरे जिले में है सूत्र बताते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम ने अस्पताल के भीतर भय का माहौल पैदा कर दिया है। अधिकारी चाहे अनचाहे स्टाफ पर दबाव बना रहे हैं, जिससे किसी भी तरह की कानूनी प्रक्रिया आगे न बढ़े।
गौरतलब है:
CMHO कार्यालय के गार्ड को वरिष्ठ अधिकारीयों का संरक्षण प्राप्त होने की खबरें तेज़ हैं। हालांकि Pairi Times 24×7 इसकी पुष्टि नहीं करता, पर सूत्रों की मानें तो ये पूरा प्रकरण अब विभागीय सियासत के शतरंज में एक प्यादा बन चुका है। गरियाबंद के सरकारी अस्पतालों में अब इलाज से ज्यादा स्क्रिप्ट लिखी जा रही है ।और हर किरदार जैसे किसी OTT क्राइम थ्रिलर से निकल कर आया हो!
जिले की फजीहत को कैसे संभालेंगे वरिष्ठ अधिकारी
पिछले हफ्ते भर से जिला अस्पताल और सीएमएचओ कार्यालय की लड़ाई एक राजनीतिक अखाड़ा बन चुकी है जिसके चलते गरियाबंद जिले की भी फजीहत हो रही है अब देखना यह होगा कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे मामले पर क्या कार्यवाही करते हैं।
यह भी देखें…. स्वास्थ्य विभाग संलग्नीकरण मामला संलग्नीकरण किए गए कर्मचारी कर सकते हैं जांच को प्रभावित ।