हिमांशु साँगाणी/गरियाबंद
गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में अब मेयर चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे। राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत जनता सीधे मेयर का चुनाव करेगी। इस फैसले के बाद गरियाबंद में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है, क्योंकि पिछली बार यहाँ नगर पालिका अध्यक्ष को पार्षदों ने चुना था। अब नए नियम के तहत कई बड़े नेताओं को उम्मीदवारी में झटका लगा है, जो पार्षदों के जरिए पद पाने की योजना बना रहे थे। हालांकि पार्टी के प्रति निष्ठा से कार्य करने वाले कई नेताओं के लिए अब मेयर बनने की राह भी आसान हो सकेगी ।
2018 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगर पालिका चुनाव प्रणाली में बदलाव करते हुए पार्षदों को मेयर चुनने का अधिकार दिया था। इस फैसले का उस समय भाजपा ने जोरदार विरोध किया था और जनता को प्रत्यक्ष रूप से मेयर चुनने का अधिकार देने की मांग की थी। अब राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह नियम फिर से बदल दिया गया है, जिससे जनता अपने नगर का नेतृत्व सीधे चुन सकेगी।
सरकार के इस फैसले से गरियाबंद के कई स्थानीय नेताओं की योजनाओं पर पानी फिर गया है, जो पार्षदों के समर्थन से नगर पालिका अध्यक्ष बनने की तैयारी कर रहे थे। प्रत्यक्ष चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद अब जनता सीधे मेयर का चयन करेगी, जिससे स्थानीय राजनीति में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। यह फैसला स्थानीय शासन में लोकतांत्रिक भागीदारी को मजबूत करेगा, और जनता के सीधे जुड़ाव से चुने गए प्रतिनिधि क्षेत्र के विकास में ज्यादा जवाबदेह होंगे।