हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद: सिकासार बांध के पानी को महासमुंद ले जाने की योजना ने गरियाबंद में राजनीति का पारा चढ़ा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल ने इसे राजिम क्षेत्र के किसानों की “पानी लूट” करार दिया है। अपने तीखे तेवरों के साथ शुक्ल ने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि अगर यह योजना बंद नहीं हुई, तो आंदोलन की लहर पूरे राज्य में गूंजेगी।
“बांध किसानों के लिए, सरकार की नजर पानी पर”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्ल ने सीधे-सीधे भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सिकासार बांध किसानों की जीवनरेखा है। इसे छीनने की कोशिश किसानों की आजीविका पर हमला है।” उन्होंने कहा कि यह बांध पंडित श्यामाचरण शुक्ल की दूरदृष्टि का परिणाम है, जो राजिम क्षेत्र के किसानों की सिंचाई जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया था।
“राजिम विधायक पर सवाल, चुप्पी पर कटाक्ष”
शुक्ल ने राजिम विधायक रोहित साहू की खामोशी पर सवाल उठाए। उनका कहना था, “विधायक की चुप्पी दर्शाती है कि उन्हें अपने किसानों से ज्यादा अपनी कुर्सी प्यारी है। क्या वे क्षेत्र के किसानों की चिंता करने का साहस जुटा पाएंगे?”
“किसानों के नाम पर साजिश?”
शुक्ल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की यह योजना एक “सिंचाई राहत” का बहाना है, जबकि असल में यह किसानों के हक पर डाका है। “राजिम के किसान पानी के लिए तरसेंगे और सरकार महासमुंद के नाम पर राजनीति करेगी।”
“कांग्रेस उतरेगी सड़कों पर”
कांग्रेस ने इस योजना के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। शुक्ल ने कहा, “हम इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। भाजपा सरकार को जगाने का वक्त आ गया है।”
क्षेत्रीय राजनीति गरमाई
इस मुद्दे ने गरियाबंद और महासमुंद के लोगों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है। जहां राजिम के किसान इसे अपनी आजीविका का सवाल मान रहे हैं, वहीं महासमुंद के लोग इसे राहत के तौर पर देख रहे हैं। सरकार के फैसले से पहले ही यह मुद्दा राजनीति की आग में घिर चुका है। अब देखना यह है कि किसान, नेता और सरकार के बीच यह जंग कहां तक जाती है।