हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
उरमाल का मवेशी बाजार या गौ तस्करी का अड्डा गौवंश को डंडों से पीटकर उड़ीसा बार्डर तक ढोया जा रहा है, शासन मौन! विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम देखिए पैरी टाइम्स की रिपोर्ट ।
गरियाबंद क्या मैनपुर ब्लॉक के उरमाल गांव में चल रहा मवेशी बाजार सिर्फ एक बाजार है, या फिर यह गौ तस्करी का नया ठिकाना बन गया है? यह सवाल तब उठ खड़ा हुआ जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस अवैध बाजार पर कार्रवाई की मांग करते हुए प्रशासन को अल्टीमेटम दे डाला या तो बाजार बंद करो, या आंदोलन झेलो।

उरमाल का मवेशी बाजार या गौ तस्करी का अड्डा
उरमाल का मवेशी बाजार या गौ तस्करी का अड्डा क्यों उठ रहे सवाल
मामला सीधा-सपाट नहीं है। आरोप है कि पिछले एक माह से कुछ स्थानीय नेताओं के संरक्षण में उरमाल में मवेशी बाजार चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में गौवंश की अवैध बिक्री की जा रही है। खास बात यह है कि उरमाल उड़ीसा की सीमा से चंद किलोमीटर दूर है, और पहले से ही यह इलाका गौ तस्करों की गतिविधियों के लिए बदनाम रहा है।

बाजार नहीं, तस्करी का नया टर्मिनल!
बजरंग दल का दावा है कि महासमुंद जिले के बरौदा बाजार के बंद होने के बाद तस्करों ने नया ठिकाना खोज निकाला उरमाल! यहां न तो शासन के नियमों की कोई परवाह है, न किसी डॉक्टर की जांच होती है, और न ही खरीदार किसान होते हैं। बल्कि “दलालों की भीड़ होती है”, जो एक साथ 15 से 20 गौवंशों को डंडों से पीटते हुए उड़ीसा बॉर्डर की ओर रवाना कर देते हैं।
गौ रक्षा या प्रशासन से टकराव?
बजरंग दल ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने अविलंब इस मवेशी बाजार को बंद नहीं किया, तो जिला गरियाबंद में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। संगठन का आरोप है कि यह बाजार गौ तस्करी का अड्डा बन गया है और इसमें कुछ नेताओं की मिलीभगत भी है।
प्रशासन की परीक्षा
अब देखना यह है कि क्या गरियाबंद प्रशासन इस चेतावनी को गंभीरता से लेगा या फिर यह मामला भी फाइलों की धूल में दब जाएगा। फिलहाल उरमाल के इस बाजार पर नजरें गड़ी हैं क्या यह सच में बाजार है या गौतस्करी का नया हब?
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