रिपोर्टर पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
छत्तीसगढ़ न्यूज माओवादी रूपेश दादा ने माओवादी संगठन पर खोले बड़े राज, कहा हम गद्दार नहीं हैं साथियों से की हथियार छोड़ने की अपील। पूरा बयान देखें पैरी टाईम्स पर ।
गरियाबंद/जगदलपुर छत्तीसगढ़ के बस्तर से माओवादी आंदोलन पर बड़ा धमाका करने वाला वीडियो सामने आया है। कभी माओवादी संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व माओवादी रूपेश ने आधे घंटे का लंबा वीडियो जारी कर पूरे संगठन की जड़ें हिला दी हैं। वीडियो में रूपेश ने खुद को गद्दार कहे जाने पर तीखा जवाब देते हुए कहा

हम गद्दार नहीं, बल्कि जाग चुके इंसान हैं। अब हमें गोलियों से नहीं, सोच से लड़ना है।
छत्तीसगढ़ न्यूज माओवादी आधे घंटे का धमाकेदार वीडियो अंदर की सच्चाई उजागर
रूपेश ने अपने बयान में माओवादी संगठन की उच्च स्तरीय बैठकों, भ्रष्ट नेतृत्व और विचारधारात्मक पतन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि अब संगठन की दिशा भटक चुकी है और जिन आदिवासियों के हक के लिए यह लड़ाई शुरू हुई थी, वही आज गोलियों के बीच पिस रहे हैं। वीडियो में रूपेश ने जंगल में भटक रहे अपने साथियों से भी अपील की है कि अब बंदूक रख दो, क्योंकि क्रांति का असली रास्ता जनता के बीच से होकर जाता है, जंगल से नहीं।
क्यों मचा है हड़कंप?
यह वीडियो बयान कई मायनों में अहम है
आंतरिक कलह उजागर यह माओवादी संगठन के भीतर की दरार और असंतोष को उजागर करता है।
लीडरशिप को चुनौती पहली बार किसी पूर्व कैडर ने सीधे तौर पर हाई-कमान की बैठकों की समझ पर सवाल उठाया है।
मनोवैज्ञानिक बढ़त यह सुरक्षाबलों के लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान को मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूती दे सकता है, क्योंकि यह संदेश अंदर के ही व्यक्ति द्वारा दिया गया है।
संगठन में मंथन की लहर माओवादियों में मचा हड़कंप
रूपेश का यह बयान बस्तर के नक्सल बेल्ट में चर्चा का विषय बन गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस वीडियो के बाद माओवादी कैडर में गंभीर असंतोष और आत्ममंथन की लहर फैल गई है। संगठन इसे आंतरिक ब्रेकडाउन के रूप में देख रहा है। स्थानीय सुरक्षा एजेंसियां भी इस वीडियो की बारीकी से जांच कर रही हैं, क्योंकि इसमें कई संवेदनशील आंतरिक विवरण का खुलासा हुआ है।
जंगल में भटक रहे साथियों से भावुक अपील
रूपेश ने इस वीडियो का इस्तेमाल केवल अपना पक्ष रखने के लिए ही नहीं किया, बल्कि उन्होंने एक बड़ा दांव भी खेला है। उन्होंने जंगल में भटक रहे अपने पूर्व साथियों, यानी वर्तमान माओवादियों को सीधे संबोधित किया है। रूपेश ने उनसे विचार करने और मुख्यधारा में वापस लौटने की अपील की है। उन्होंने हथियारबंद आंदोलन को विराम देने की प्रेरणा देते हुए कहा कि इस रास्ते का अब कोई भविष्य नहीं है। रूपेश का यह बयान उन नक्सलियों के लिए एक बड़ा संदेश माना जा रहा है, जो संगठन के भीतर घुटन महसूस कर रहे हैं या आत्मसमर्पण का सही मौका तलाश रहे हैं।
जंगल से शहर तक रूपेश का संदेश
रूपेश का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उन्होंने साफ कहा है हथियार उठाना मजबूरी थी, लेकिन अब सोच बदलना जिम्मेदारी है। यदि इस वीडियो का असर व्यापक हुआ तो यह माओवादी आंदोलन के भीतर वैचारिक विद्रोह की शुरुआत साबित हो सकता है।


