छत्तीसगढ़ PM श्री आत्मानंद स्कूल की प्रिंसिपल सस्पेंड गरियाबंद में निम्नतर गुणवत्ता पर स्कूल शिक्षा विभाग का ऐतिहासिक फैसला ।

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By Sangani

हिमांशु …… पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

छत्तीसगढ़ PM श्री आत्मानंद स्कूल की प्रिंसिपल निलंबित! गरियाबंद के आत्मानंद स्कूल में शैक्षणिक गुणवत्ता निम्नतर पाए जाने पर छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का सख्त एक्शन। जानें पूरा मामला पैरी टाईम्स पर ।

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​गरियाबंद छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग (मंत्रालय) ने शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी समझौते को खारिज करते हुए एक अत्यंत कठोर और निर्णायक कार्रवाई की है। गरियाबंद के PM श्री (स्वा. आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय) की प्राचार्य वंदना पाण्डेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह फैसला तब आया जब उच्चाधिकारियों के औचक निरीक्षण में स्कूल की शिक्षा और व्यवस्था का स्तर निम्नतर पाया गया। इस हाई-प्रोफाइल निलंबन से पूरे शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है।

छत्तीसगढ़ PM श्री आत्मानंद स्कूल

छत्तीसगढ़ PM श्री आत्मानंद स्कूल शैक्षणिक शून्य पर आई शीर्ष अधिकारी का औचक निरीक्षण

यह पूरी कार्रवाई स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव महोदय द्वारा दिनांक 31.01.2025 को किए गए आकस्मिक निरीक्षण के बाद शुरू हुई। निरीक्षण में जो तथ्य सामने आए, वे प्रदेश के शैक्षणिक माहौल के लिए किसी झटके से कम नहीं थे ।

निम्नतर शैक्षणिक गुणवत्ता 12वीं के छात्रों का भविष्य खतरे में

​निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गुणवत्ता निम्नतर पाई गई। सबसे चिंताजनक बात यह थी कि कक्षा 12वीं में अध्ययनरत छात्रों और स्कूल स्टाफ का शैक्षणिक स्तर भी संतोषजनक नहीं था। यह सीधा संकेत है कि स्कूल प्रबंधन छात्रों के भविष्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरत रहा था।

प्रयोगशाला बनी स्टोर रूम बदहाल उपकरण और अव्यवस्था

  • सफाई और फर्नीचर शाला में साफ-सफाई की व्यवस्था अत्यंत असंतोषजनक थी, जो स्कूल के बुनियादी प्रबंधन पर सवाल उठाती है। फर्नीचर भी अस्त-व्यस्त पाए गए।
  • प्रयोगशाला की अनदेखी पर्याप्त कक्ष उपलब्ध होने के बावजूद, विज्ञान की प्रयोगशाला को एक ही छोटे से कमरे में संचालित किया जा रहा था।
  • खराब प्रायोगिक सामग्री प्रायोगिक कार्यों के लिए उपलब्ध सामग्री भी गुणवत्ता विहीन और खराब अवस्था में मिली। यह बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान देने में गंभीर रुकावट थी।

घोर लापरवाही किस नियम के तहत हुई प्रिंसिपल पर कार्रवाई?

​शासकीय सेवा नियम उल्लंघन, पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने आदेश (File No.ESTB-1024/315/2025/20-2) में साफ पर वंदना पाण्डेय को उनके दायित्व निर्वहन और पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता का दोषी माना है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रिंसिपल का यह कृत्य छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के विपरीत एक गंभीर कदाचार है। अधिकारों का प्रयोग राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9(1)(क) के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया है। यह नियम शासकीय कर्मचारियों पर गंभीर कदाचार के लिए निलंबन की कार्रवाई का अधिकार देता है।

आगे क्या? निलंबन के बाद का रोडमैप,निलंबन काल मुख्यालय, जीवन निर्वाह भत्ता

​तत्काल प्रभाव से निलंबन के बाद, वंदना पाण्डेय का मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा संभाग), रायपुर नियत किया गया है। निलंबन काल में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से जारी यह कड़ा आदेश स्पष्ट करता है कि PM श्री आत्मानंद स्कूलों को लेकर सरकार कितनी गंभीर है और शैक्षणिक गुणवत्ता से समझौता करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई प्रदेश के अन्य लापरवाह स्कूल प्रबंधन के लिए एक कड़ा संदेश है।

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