हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद, 1 जनवरी 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव में हो रही देरी के मद्देनजर बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के 10 प्रमुख नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। चुनाव होने तक इन निगमों की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के कलेक्टर संभालेंगे।

शहरों का प्रशासन कलेक्टर के हाथ
राज्य सरकार के निर्देशानुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, जगदलपुर, धमतरी, अंबिकापुर, राजनंदगांव और कोरबा सहित 10 नगर निगमों में जिला कलेक्टर प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे। प्रशासकों को पूर्ण अधिकार दिए गए हैं ताकि वे शहर की सरकार की तरह काम कर सकें और विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।

चुनाव क्यों टले?
नगरीय निकाय चुनावों में देरी का कारण मतदाता सूची का पुनरीक्षण और प्रक्रियात्मक कार्य हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव कार्यक्रम अब फरवरी 2025 के बाद संभावित है। इस बीच प्रशासकों की नियुक्ति यह सुनिश्चित करेगी कि नगर निगमों का प्रशासनिक कामकाज सुचारु रूप से चलता रहे।
शहरों पर क्या होगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासकों की नियुक्ति से शहरों के विकास कार्य और जनसेवाएं तेजी से जारी रहेंगी। हालांकि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति से जनता की सीधी भागीदारी पर सवाल उठ सकते हैं।
क्या कहते हैं जानकार?
शहरी प्रशासन के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम प्रशासनिक स्थिरता लाने के लिए जरूरी है, लेकिन नागरिकों के लिए यह देखने लायक होगा कि कलेक्टर प्रशासक के रूप में कितनी प्रभावी भूमिका निभाते हैं। आगामी चुनावों से पहले यह प्रशासनिक व्यवस्था सरकार के लिए चुनौती और अवसर दोनों साबित हो सकती है।