हिमांशु साँगाणी/गरियाबंद
गरियाबंद – जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) आर.पी. दास के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्हें 29 अक्टूबर को रायपुर संभाग आयुक्त द्वारा निलंबित कर दिया गया। पिछले एक माह से बीईओ कार्यालय में कथित अनियमितताओं के खिलाफ शिक्षक संघ की ओर से लगातार विरोध प्रदर्शन और मांगें उठाई जा रही थीं। 25 सितंबर को शिक्षक संघ ने कलेक्टर दीपक अग्रवाल को ज्ञापन सौंपते हुए दास और दो अन्य कर्मचारियों, उदय राम साहू व दीपक साहू, पर कार्रवाई की मांग की थी।
शिक्षक संघ के विरोध की सुनवाई
शिक्षक संघ का कहना है कि बीईओ कार्यालय में भ्रष्टाचार, पक्षपात और अनियमितताओं के कारण लंबे समय से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। शिक्षकों के अनुसार, दास के खिलाफ लगातार शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिससे कलेक्टर को इस मामले में जांच करवाने के निर्देश देने पड़े। कलेक्टर की ओर से नियुक्त अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने जांच पूरी कर प्रतिवेदन सौंपा, जिसमें दास के खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि की गई। इसी रिपोर्ट के आधार पर आयुक्त ने निलंबन का फैसला लिया।
2019 में भी हुआ था विरोध प्रदर्शन
आर.पी. दास के खिलाफ यह पहली बार नहीं है कि शिक्षकों का विरोध झेलना पड़ा है। 2019 में भी नगरी में पदस्थ रहते हुए दास के खिलाफ 1200 से अधिक शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था। उस समय भी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के कारण उन्हें निलंबित किया गया था। गरियाबंद में दोबारा ऐसा मामला सामने आने से उनके कार्यकाल पर सवाल उठने लगे हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शिक्षक संघ की बड़ी जीत
शिक्षक संघ का मानना है कि इस निलंबन से गरियाबंद में शिक्षा विभाग में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। शिक्षकों का कहना है कि भ्रष्टाचार और भेदभाव के खिलाफ उनकी लड़ाई में यह फैसला उनके समर्थन का संकेत है। शिक्षक संघ ने इसे विभाग में निष्पक्षता की ओर एक कदम बताया और आशा जताई कि अन्य आरोपित कर्मचारियों पर भी जल्द कार्रवाई होगी।
क्या निलंबन से विभागीय सुधार होंगे?
दास के निलंबन के बाद विभागीय हलकों में इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। शिक्षक संघ का कहना है कि इस कदम से अन्य अधिकारियों में अनुशासन और पारदर्शिता का माहौल बनेगा। वहीं, विभाग के कुछ लोगों का मानना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई है और विभाग में व्यापक सुधार के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
इस मामले में शामिल अन्य दो कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की उम्मीद के साथ, शिक्षक संघ ने कहा कि उनका संघर्ष सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं बल्कि शिक्षकों के अधिकारों और गरिमा को बनाए रखने के लिए भी है।