हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद के सोहागपुर बिट में वन भूमि अतिक्रमण हटाने पहुंचे वन अमले पर हुआ जानलेवा हमला। डिप्टी रेंजर समेत 5 वनकर्मी बने बंधक। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छुड़ाया, आरोपियों की घेराबंदी जार
गरियाबंद जिले के जंगलों में सोमवार सुबह एक सनसनीखेज घटना ने वन विभाग और पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। सोहागपुर बिट में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचे डिप्टी रेंजर अशोक सिन्हा के नेतृत्व वाली वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने जानलेवा हमला बोल दिया।

लाठियों और कुल्हाड़ियों से पिटाई, डिप्टी रेंजर समेत 5 कर्मी बंधक
वन अमला जब भोर में करीब 4 बजे सूचना के आधार पर अतिक्रमण स्थल पर पहुंचा, तो वहां जेसीबी मशीन से वन भूमि को कब्जा किया जा रहा था। विरोध करने पर अतिक्रमणकारियों ने टीम पर लाठी, कुल्हाड़ी और बाट से हमला कर दिया।
डिप्टी रेंजर अशोक सिन्हा, सिद्दीकी, हरि अर्जुन, फॉरेस्ट गार्ड सिलेश्वर प्रसाद समेत पांच कर्मचारियों को अतिक्रमणकारियों ने बंधक बना लिया और घंटों तक एक जगह रोककर रखा।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी और पुलिस टीम ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
जब वन कर्मियों के बंधक होने की खबर गरियाबंद कोतवाली पहुंची, तो थाना प्रभारी ओ पी यादव तत्काल फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। एक सुनियोजित ऑपरेशन के तहत पुलिस ने सभी वनकर्मियों को छुड़ाया और हमलावरों की घेराबंदी शुरू कर दी गई है।
इनकी रही मौजूदगी
वन विभाग की टीम में शामिल थे —
डिप्टी रेंजर अशोक सिन्हा
डिप्टी रेंजर सिद्दीकी
डिप्टी रेंजर हरि अर्जुन
फॉरेस्ट गार्ड सिलेश्वर प्रसाद
अन्य फील्ड स्टाफ
अब सवाल ये क्या जंगल बचाने गए रक्षक खुद असुरक्षित हैं?
इस घटना ने फिर साबित किया है कि जंगल और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के हौसले कितने बुलंद हैं। सवाल यह भी उठता है कि बिना पुलिस सहयोग के इस तरह की कार्रवाई वन अमला क्यों करता है?