हिमांशु साँगाणी/गरियाबंद
रायपुर / गरियाबंद अगर आप भी आने वाले दिनों में पंजीयन कार्यालय में किसी दस्तावेज़ या रजिस्ट्री के लिए जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह हड़ताल आपकी प्रक्रिया में देरी का कारण बन सकती है। छत्तीसगढ़ में दस्तावेज़ लेखक और स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा 21 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा ने पंजीयन कार्यालयों में काम कराने वाले हजारों लोगों की चिंता बढ़ा दी है। यह हड़ताल राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए ‘सुगम एप’ के विरोध में की जा रही है, जिससे घर बैठे रजिस्ट्री कराने की सुविधा दी जा रही है। लेकिन दस्तावेज़ लेखकों का मानना है कि यह योजना उनकी आजीविका पर संकट खड़ा कर रही है।
क्या है हड़ताल की असली वजह?
दस्तावेज़ लेखकों और स्टाम्प विक्रेताओं का कहना है कि सरकार उनकी पुरानी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है। उनकी मुख्य मांगें वेतनमान और रोजगार की सुरक्षा से जुड़ी हैं, जिन्हें लेकर वे पिछले कई सालों से ज्ञापन सौंपते आ रहे हैं। हाल ही में, सरकार ने ‘सुगम एप’ लागू किया है, जिससे आम नागरिक अब घर बैठे ही रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इससे दस्तावेज़ लेखकों और स्टाम्प विक्रेताओं को लगने लगा है कि उनका रोजगार खतरे में है।
संघ का आरोप
दस्तावेज़ लेखक संघ का आरोप है कि सरकार ने उनके रोजगार के मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय, केवल तकनीकी बदलावों पर जोर दिया है, जो उनके पेशे के लिए खतरा बन रहे हैं। संघ के नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अपने विरोध को और व्यापक रूप देंगे।
जनता को कैसे हो सकती है परेशानी?
इस हड़ताल के कारण छत्तीसगढ़ के पंजीयन कार्यालयों में होने वाली रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेज़ी कार्य ठप पड़ सकते हैं। जो लोग जमीन, मकान, या अन्य संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के लिए दस्तावेज़ तैयार करा रहे थे, उनकी रजिस्ट्री अब अटक सकती है। इसके अलावा, शादी, वसीयत, और अन्य कानूनी दस्तावेज़ों के लिए भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
क्या हो सकता है समाधान?
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी रोजगार सुरक्षा और पंजीयन विभाग में समायोजन की मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। सरकार की ओर से कोई समाधान न निकलने की स्थिति में यह हड़ताल लंबी खिंच सकती है, जिससे पंजीयन संबंधी सभी कार्यों पर असर पड़ सकता है।