हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद पूर्व का दर्द सोशल मीडिया ग्रुप में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन की नेम प्लेट पर ‘पूर्व’ शब्द के छोटे साइज को लेकर बवाल मच गया है। पढ़िए पूरी रोचक रिपोर्ट
गरियाबंद की राजनीति में इन दिनों एक ‘छोटा’ शब्द बड़ा बवाल बन गया है। बात हो रही है पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन की गाड़ी की, जिसकी नेम प्लेट पर “पूर्व” इतना छोटा लिखा गया है कि उसे पढ़ने के लिए या तो चश्मा चाहिए या फिर इरादा। ।

पूर्व का दर्द
पूर्व का दर्द ढूंढने से बामुश्किल दिखता है
नगर पालिका अध्यक्ष पद पर अब मेमन साहब नहीं हैं, लेकिन उनकी गाड़ी पर आज भी ‘अध्यक्ष नगर पालिका परिषद गरियाबंद’ बड़े-बड़े अक्षरों में चमक रहा है, और ‘पूर्व’ नाम की इज्ज़त जैसे किनारे ठिठकी खड़ी हो! सोशल मीडिया के एक चर्चित ग्रुप में जब किसी ने इस ‘सत्ता मोह’ की ओर इशारा किया तो बात एकदम से वायरल हो गई। खड़ी हुई गाड़ी में तो बामुश्किल दिख भी जाए मगर चलती गाड़ी में अध्यक्ष ही नजर आए ।

सत्ता पक्ष के लोग ही उठा रहे सवाल ?
ग़ौरतलब है कि सवाल उठाने वाले कोई विपक्षी नहीं, बल्कि खुद उन्हीं की पार्टी और संगठन के लोग थे, जिन्होंने कहा “नेम प्लेट में ‘पूर्व’ शब्द दिख ही नहीं रहा, फिर ये क्या संकेत दे रही है गाड़ी? नगर के कुछ ही लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि पूर्व लिखा हुआ छोटा सा शब्द उनके पूरे कार्यकाल में हुए विकास की याद दिला देता है
जवाब में भेजा वाहन का फोटो , ढूंढने के लिए जरा रुकिए और गौर करिए
जवाब में मेमन साहब भी पीछे नहीं रहे। तुरंत अपने वाहन की फोटो ग्रुप में डाल दी। लेकिन अफ़सोस, तस्वीर में भी ‘पूर्व’ शब्द ढूंढ़ने में लोगों को उतनी ही मेहनत करनी पड़ी जितनी 10वीं की कॉपी में पासिंग मार्क्स ढूंढ़ने में लगती है।
अब ये सत्ता से मोह है, या पूर्व हो जाने का दर्द, इसका फैसला जनता ही करेगी। लेकिन इतना तय है कि गरियाबंद में राजनीति अब नेम प्लेट के फॉन्ट साइज से भी तय होने लगी है।
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