हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद में हाथी हमला गरियाबंद जिले के बोड़ापाला (धवलपुर) में हाथियों ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी। प्रशासन ने मात्र 9 हजार प्रति एकड़ मुआवज़ा तय किया, जबकि किसान 50 हजार की मांग पर कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने आंदोलन की चेतावनी दी। पढ़ें Pairi Times 24×7 की पूरी रिपोर्ट।
गरियाबंद जिले के बोड़ापाला (जंगल धवलपुर) गाँव के किसान इन दिनों दो दुश्मनों से लड़ रहे हैं पहला हाथियों का झुंड और दूसरा प्रशासन का मुआवज़ा फॉर्मूला । सालभर की मेहनत धान की फसल पर हाथियों ने धावा बोला और सरकार ने किसानों के घाव पर नमक छिड़कते हुए मात्र 9 हजार प्रति एकड़ का मुआवज़ा थमा दिया। अब किसान पूछ रहे हैं धान बेचे या सरकार को चूना लगाने की ट्रेनिंग लें ?

गरियाबंद में हाथी का हमला किसान बोले 50 हजार की फसल 9 हजार का मुआवज़ा… वाह रे सिस्टम!
जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि इस हालात में किसान हँसे या रोएं, समझ नहीं पा रहे। क्योंकि बाजार में एक एकड़ धान से किसान औसतन 50 हजार की कमाई करता है। मगर प्रशासन का कैलकुलेटर शायद किसी और जरिए से पर बना है, तभी तो नुकसान की भरपाई 9 हजार से करने की बात हो रही है
किसान Vs प्रशासन आंदोलन की चेतावनी
संजय नेताम ने कहा है कि किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि शासन को प्रस्ताव भेजकर कम से कम 50 हजार प्रति एकड़ मुआवज़ा सुनिश्चित किया जाए। वरना किसान अब जंगल से हाथी भगाने के बजाय प्रशासन को जगाने की तैयारी में हैं। आंदोलन की चेतावनी देकर उन्होंने माहौल गर्म कर दिया है।
हाथियों ने खेत उजाड़ें प्रशासन आर्थिक स्थित उजाड़ रहा
हाथी जब गाँव में आए तो किसानों की फसल खा गए, और जब प्रशासन आया तो किसानों की उम्मीद। फर्क बस इतना है कि हाथियों ने खेत उजाड़ा और अधिकारियों ने जेब हल्की कर दी। अब सवाल ये है कि किसानों को जंगल से लड़ना आसान लग रहा है या दफ्तरों से?
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