एक्सपायरी की एक्सपेरिमेंट लैब राजिम के मेडिकल से निकली खांसी की खलबली गरियाबंद में औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई सिरप निकला अमानक, बिल निकला फर्जी ।

Sangani

By Sangani

हिमांशु पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

एक्सपायरी की एक्सपेरिमेंट लैब गरियाबंद के राजिम में नकली कफ सिरप बेचने वाले कुलेश्वर नाथ मेडिकल स्टोर्स पर खाद्य एवं औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई। फर्जी बिल, अमानक दवा और एक्सपायरी री-टैगिंग का खुलासा पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स पर ।

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गरियाबंद राजिम के एक मेडिकल स्टोर ने मेडिकल साइंस को व्यावसायिक समझ से जोड़ने का अनोखा प्रयोग किया एक्सपायरी कफ सिरप को नया लेबल लगाकर फ्रेश मेडिसिन में तब्दील कर दिया गया । लेकिन इस रासायनिक क्रिएटिविटी का खेल ज्यादा दिन नहीं चला। खाद्य एवं औषधि विभाग ने कुलेश्वर नाथ मेडिकल स्टोर्स को सील कर दिया है और संचालक पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है

एक्सपायरी की एक्सपेरिमेंट लैब

एक्सपायरी की एक्सपेरिमेंट लैब रि-टैगिंग का रहस्य और छापे की कहानी

विभाग को सूचना मिली थी कि संचालक एक्सपायरी दवाओं पर रि-टैगिंग कर उन्हें फिर से बाजार में बेच रहा है। जुलाई में ड्रग इंस्पेक्टर की जंबो टीम ने छापा मारा तो नशीली टैबलेट्स से लेकर कई अनियमितताएँ सामने आईं। इस दौरान एक कफ सिरप भी जब्त किया गया जिसे जांच के लिए भेजा गया।

कफ सिरप की रिपोर्ट ने उड़ा दी नींद

11 अक्टूबर को आई लैब रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सिरप में बताए गए तत्व अमानक थे और मात्रा भी निर्धारित मानक से कम थी। यानी दवा राहत देने के बजाय रोग बढ़ाने वाली साबित हो सकती थी। इसके अलावा जांच के दौरान मेडिकल संचालक ने जो डिस्ट्रीब्यूटर का बिल प्रस्तुत किया, वह भी फर्जी पाया गया।

विभाग की सख्त कार्रवाई

औषधि निरीक्षक धर्मवीर सिंह ध्रुव ने बताया कि मेडिकल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और जल्द ही कोर्ट में परिवाद दायर किया जाएगा। फिलहाल विभाग यह जांच कर रहा है कि नकली सिरप की सप्लाई और किन स्थानों पर की गई थी तथा इसका स्रोत क्या था।

सिर्फ खांसी का काला कारोबार या और दवाइयों का खेल

राजिम के इस मेडिकल वाले ने तो विज्ञान को भी ठेंगा दिखा दिया जहां बड़ी कंपनियां रिसर्च में करोड़ों खर्च करती हैं,
वहीं यहां बस एक नया लेबल चिपकाकर दवा को नया जीवन मिल जाता था। कहते हैं जहां इलाज सस्ता हो, वहां बीमारियाँ महंगी हो जाती हैं। मरीज खांसी का इलाज लेने आया और लौट गया अविश्वास का घूंट पीकर। अब जनता पूछ रही है
क्या अब मेडिकल की अलमारी में भी एक्सपायरी का एक्सपेरिमेंट चलता है?

जनता बोल रही अब भरोसा भी जांच में भेजो

पहले डॉक्टर की दवा पर भरोसा करते थे, अब सिरप की रिपोर्ट पर शक होता है। अब तो कफ सिरप लेने से पहले एक्सपायरी नहीं, ‘इंस्पेक्टर ध्रुव की रिपोर्ट’ देखनी पड़ेगी

जिलेभर में होनी चाहिए जांच

इस मामले के सामने आने के बाद अब स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जिले के सभी मेडिकल स्टोर्स की जांच की जाए ताकि यह पता चले कि दवा बिक रही है या डर का सिरप। राजिम में अब लोग खांसी की नहीं, ईमानदारी की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि जब मेडिकल दुकानें मेडिकल साइंस की जगह बिजनेस लॉजिक पढ़ने लगें तो मरीज नहीं, भरोसा मरता है।

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