Attack on State Government by Farmers: Anger over Ban on Rice Planting in Rabi Crop and Support Price Policy
हिमांशु सांगाणी/ गरियाबंद
पिथौरा सांकरा क्षेत्र के किसानों ने गौरिया में आयोजित किसान बइठका में राज्य सरकार की नीतियों और उनके रबी फसल के लिए दिए जा रहे आदेशों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। इस बैठक को किसान आंदोलन के बढ़ते स्वरूप के रूप में भी देखा जा सकता है, जहां किसानों ने एकजुट होकर राज्य सरकार पर वादाखिलाफी और भ्रमित करने वाली नीतियों का आरोप लगाया। किसान नेताओं का कहना था कि राज्य सरकार द्वारा रबी फसल में धान बोने पर रोक लगाना किसानों की आजीविका पर सीधा प्रहार है।
किसानों ने कहा कि समर्थन मूल्य में मामूली वृद्धि और खरीदी प्रक्रिया की देरी ने उनकी समस्याओं को बढ़ा दिया है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्र के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को अपनी उपलब्धि के रूप में दिखाने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता में किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। बैठक में पारित प्रस्तावों ने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों का आक्रोश केवल फसलों की खरीद तक सीमित नहीं है।
जलाशयों और सिंचाई परियोजनाओं के ठप होने और योजनाओं के अधूरे रहने से किसानों की कठिनाइयां बढ़ गई हैं। जोंक नदी परियोजना और सिकासार जलाशय से सिंचाई सुविधाओं की मांग को भी बैठक में जोर-शोर से उठाया गया।यह बैठक केवल एक विरोध नहीं बल्कि किसानों के बीच बढ़ते अविश्वास और सरकार की नीतियों से उपजी निराशा का प्रतिबिंब है। किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।