हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
साष्टांग से समाधान देवभोग शिविर में ज़मीन मांगते गिरे किसान अशोक अंतिम समाधान शिविर में किसान अशोक ने मंच पर चढ़कर SDM को साष्टांग प्रणाम किया। 4.28 एकड़ जमीन के बंटवारे की फिर गुहार लगाई।
गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लाक में सुशासन तिहार के मंच पर मंगलवार को कुछ ऐसा नज़ारा देखने मिला, जिसे देखकर दर्शक ही नहीं, अफसरों की भी आंखें चौंधिया गईं। देवभोग विकासखंड के निष्ठीगुड़ा गांव में आयोजित अंतिम समाधान शिविर में लाटापारा के किसान अशोक कुमार कश्यप अपने पुरखों की ज़मीन मांगते-मांगते सीधे एसडीएम तुलसी दास के सामने साष्टांग हो गए।

साष्टांग से समाधान
साष्टांग से समाधान मंच पर चढ़कर किया गुहारासन
आम तौर पर मंच पर चढ़ते हैं नेता, लेकिन अशोक बाबू तो न्याय की उम्मीद लेकर मंच पर चढ़े, और उतरते ही गुहारासन मुद्रा में आ गए। बोले हुजूर! मेरी 4.28 एकड़ की जमीन है, नाम भी मेरा है, लेकिन कब्जा है बड़े भाई का। पिछले साल से आवेदन कर रहे हैं, लेकिन बंटवारा आज तक नहीं।
समाधान शिविर या आश्वासन मेला?
शिविर में पहुंचे कई अधिकारी, फॉर्म भी भरे गए, मगर अशोक की जमीन वहीं की वहीं। हर बार आश्वासन, इस बार भी वादा, लेकिन समाधान फिर गायब! जनता पूछ रही है कहीं ये ‘अंतिम समाधान शिविर’ का मतलब आखिरी बार झूठ सुनने का मौका तो नहीं?
सुशासन तिहार में साष्टांग न्याय का नया ट्रेंड?
जिस शिविर में जनता अपनी समस्या लेकर आती है, वहां अब साष्टांग दंडवत करना ज़रूरी हो गया है क्या? क्या अब हर किसान को मंच पर चढ़कर ‘न्यायासन’ करना पड़ेगा?
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