हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद जिला अस्पताल गरियाबंद में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विपिन बिहारी अग्रवाल से CBI जांच का भय दिखाकर 6 लाख रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अधिवक्ता राकेश मिश्रा के खिलाफ पुलिस ने IPC की गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया है।
अधिवक्ता ने खुद को बताया ‘CBI और थाना का जानकार’
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जुलाई-अगस्त 2024 में अधिवक्ता राकेश मिश्रा ने उन्हें यह कहकर डराया कि फार्मासिस्ट ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी के माध्यम से CBI में शिकायत दर्ज कराई गई है और गिरफ्तारी तय है। मिश्रा ने खुद को थाना गरियाबंद और सीबीआई अधिकारियों से जुड़ा हुआ बताया और 6 लाख रुपये में “मामला रफा-दफा” कराने का प्रस्ताव दिया।

डॉक्टर ने डर में आकर भेजे 6 लाख रुपये
66 वर्षीय वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अग्रवाल ने भय के कारण पहले 21 अगस्त को ₹50,000 फोनपे से ट्रांसफर किया और फिर 22 अगस्त को ₹5.5 लाख चेक के माध्यम से मिश्रा के पुत्र अनवेश मिश्रा के खाते में जमा किए। कुल मिलाकर 6 लाख रुपये की ठगी हुई।
कुछ समय बाद खुली सच्चाई
बाद में जब डॉ. अग्रवाल को पता चला कि उनके खिलाफ कोई CBI जांच या शिकायत दर्ज ही नहीं हुई है, तो उन्होंने इसे एक सुनियोजित धोखाधड़ी मानते हुए थाना गरियाबंद में लिखित शिकायत दर्ज कराई
पुलिस ने किया मामला दर्ज
थाना गरियाबंद ने प्रारंभिक जांच के बाद अधिवक्ता राकेश मिश्रा के खिलाफ BNS की धारा 308 2 के तहत FIR दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
क्या अब ठगी के लिए डर भी एक हथियार बन चुका है?
इस मामले ने गरियाबंद के शांत माहौल में सनसनी फैला दी है। गरियाबंद में डॉक्टर से ठगी जैसे मामले यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या अब पढ़े-लिखे वरिष्ठ नागरिक भी झूठी शिकायतों और CBI का डर दिखाकर ठगे जा सकते हैं?
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