“गरियाबंद में पशुओं के भले के लिए नया अध्याय, कलेक्टर की अध्यक्षता में पहली बैठक” ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद

गरियाबंद जिला बनने के बाद पहली बार गठित जिला पशु कल्याण एवं पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक कलेक्टर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पशु कल्याण के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। समिति के गठन का उद्देश्य जिले में पशुओं के प्रति क्रूरता रोकना और उनकी भलाई सुनिश्चित करना है।

पशु कल्याण शुल्क का निर्धारण पशुओ के भले को ध्यान में रखकर किया जाएगा ।

कलेक्टर अग्रवाल ने बैठक में बड़े और छोटे पशुओं के इलाज, टीकाकरण, पंजीयन शुल्क और शल्य क्रिया शुल्क सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से विचार किया। उन्होंने कहा कि पशु कल्याण के लिए शुल्कों का निर्धारण लोगों की सुविधा और पशुओं के भले को ध्यान में रखकर किया जाएगा।

समिति का मुख्य उद्देश्य पशु क्रूरता पर रोक लगाना

बैठक में उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ओपी तिवारी ने समिति के उद्देश्य और कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समिति का मुख्य उद्देश्य पशु क्रूरता पर रोक लगाना, पशुओं के इलाज की सुविधाएं प्रदान करना और जनजागरूकता फैलाना है। इसके साथ ही समिति में जिले के विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सदस्य बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया।

समिति का दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य पशु क्रूरता के मामलों में कार्रवाई करना, स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों और युवाओं में पशुओं के प्रति मानवीय संवेदनाओं का विकास करना और मांसाहार के खिलाफ प्रचार करना भी है। इस दिशा में व्यापक प्रचार प्रसार के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा, वनमंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह, और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही। समिति की बैठक को लेकर स्थानीय स्तर पर उत्साह और उम्मीदें जताई जा रही हैं कि यह कदम जिले में पशु कल्याण को नई दिशा देगा।

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