हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद कलेक्टर भगवान दास हुई ने आज संयुक्त कार्यालय के मेन गेट को बंद करवा दिया । जब इसकी वजह पूछी गई तो।पता चला कि देर से पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की । सुबह 10 बजे के बाद संयुक्त जिला कार्यालय का गेट बंद करवा दिया गया।
गरियाबंद, सरकारी दफ्तरों में अक्सर सुना जाता है ।साहब अभी पहुंचे नहीं हैं, थोड़ा इंतजार करिए! लेकिन अब गरियाबंद में यह डायलॉग सुनने को नहीं मिलेगा। वजह साफ है कलेक्टर भगवान दास हुई ने तय कर लिया है कि अब दफ्तर घड़ी की सुई से चलेगा, नींद से नहीं।

गरियाबंद कलेक्टर
गरियाबंद कलेक्टर ने किए गेट बंद, अफसर बाहर
सोमवार की सुबह 10:00 बजते ही कलेक्ट्रेट का गेट बंद करवा दिया गया। उसके बाद जो भी अधिकारी और कर्मचारी लेट-लतीफ क्लब के सदस्य बनकर पहुंचे, वे बाहर ही खड़े रह गए। किसी की शक्ल देखकर लग रहा था कि मानो सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि बोर्ड परीक्षा छूट रही हो।
नोटिस और समझाइश का नहीं हुआ असर
दरअसल, यह पहला मौका नहीं है जब कलेक्टर ने नाराजगी जताई हो। इससे पहले भी बाहर से आने-जाने वाले अफसरों को गरियाबंद में ही रहने का नोटिस दिया गया था। कई बार समझाइश भी दी समय पर आ जाओ, वरना मुश्किल होगी। लेकिन कर्मचारियों की घड़ी शायद दिल्ली टाइम पर चल रही थी, इसलिए आज मजबूरी में कलेक्टर ने गेट बंद करवा दिया।
लेट लतीफी आने वाले दिनों में पड़ेगी भारी
गरियाबंद दफ्तरों की पुरानी कहावत थी कलेक्टर 10 बजे आएं या न आएं, हम तो 11 बजे ही पहुंचेंगे। मगर अब यह मजाक कर्मचारियों पर भारी पड़ गया। बाहर खड़े अफसरों की हालत देख कर लग रहा था कि कलेक्टर ने दफ्तर को रेलवे स्टेशन बना दिया है ।लेट हो गए तो अगली ट्रेन का इंतजार कीजिए।
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