हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं, लेकिन क्षेत्र क्रमांक 1 का मामला अभी भी रहस्य बना हुआ है। भाजपा प्रत्याशी नलिनी डीडी और कांग्रेस प्रत्याशी उमा देवी सांग दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि शुरुआती मतगणना के बाद भाजपा खेमे में जश्न शुरू हो गया था, क्योंकि गणना पर्चियों के मुताबिक नंदनी कोमल ढीढी 142 मतों से विजयी बताई जा रही थीं। लेकिन कांग्रेस दावा कर रही है कि अंतिम गणना और रिकाउंटिंग हुई, तो नतीजा कांग्रेस के पक्ष में पलट गया, और उमा देवी सांग महज 29 वोटों से विजयी घोषित हो गईं! जबकि प्रशासन रिकाउंटिंग से इंकार कर रहा है
अब प्रशासन की चुप्पी ने इस सस्पेंस को और गहरा कर दिया है। अधिकारी केवल इतना कह रहे हैं कि “आधिकारिक जानकारी कल दी जाएगी।”

दोनों ही दल मना रहे जीत, लेकिन कौन सही
मतगणना के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों के खेमों में उतार-चढ़ाव चलता रहा।
पहले भाजपा समर्थकों ने जीत का जश्न मनाया, मिठाइयां बांटी, पटाखे फोड़े और नंदनी कोमल ढीढी को 142 वोटों की जीत का नायक बताया।
फिर अचानक कांग्रेस खेमे में हलचल मची, और अंतिम नतीजे में होमा देवी सांग को 29 वोटों से विजेता घोषित किया जाने लगा।
अब दोनों दलों के कार्यकर्ता खुद को विजेता मानकर जश्न मना रहे हैं, लेकिन असली नतीजा क्या है, यह कोई नहीं जानता।
प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा सस्पेंस!
जब चुनाव अधिकारियों से इस बारे में सवाल किए गए, तो वे कुछ भी कहने से बचते नजर आए। केवल इतना कहा गया कि “इस सीट का आधिकारिक परिणाम कल घोषित किया जाएगा।”
अब सवाल यह उठता है कि क्या मतगणना में कोई गड़बड़ी हुई है? क्या किसी तकनीकी गलती की वजह से नतीजा उलटफेर का शिकार हुआ? या फिर प्रशासन जानबूझकर मामले को टाल रहा है?
अब आगे क्या?
अब गरियाबंद की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
क्या प्रशासन का फैसला किसी एक पक्ष को झटका देगा?
क्या यहां मतगणना में कोई बड़ी गलती हुई है, जो अब खुलकर सामने आएगी?
क्या इस सीट पर फिर से रिकाउंटिंग होगी या मामला कोर्ट तक पहुंचेगा
फिलहाल पूरे जिले की निगाहें इस सीट के नतीजे पर टिकी हैं। कल जब प्रशासन आधिकारिक घोषणा करेगा, तब ही साफ हो पाएगा कि गरियाबंद जिला पंचायत के इस हॉटसीट पर असली विजेता कौन है – भाजपा की नंदनी कोमल ढीढी या कांग्रेस की होमा देवी सांग?