हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद शिक्षा विभाग विवाद फिंगेश्वर की 425 दर्ज संख्या वाली कन्या हाई स्कूल को 225 दर्ज संख्या वाले बालक शाला में मर्ज करने के फैसले का विरोध तेज। पालकों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की।
गरियाबंद फिंगेश्वर की शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की 425 छात्राओं के भविष्य पर अब बादल मंडरा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय को मात्र 225 दर्ज संख्या वाले शासकीय बालक विद्यालय में मर्ज करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से नाराज पालकगण, छात्राएं और नगरवासी लगातार विरोध जता रहे हैं।

गरियाबंद शिक्षा विभाग विवाद
बड़ी शाला को छोटी शाला में क्यों मर्ज? पालकों का सवाल
पालक समिति ने कहा कि यह विद्यालय वर्ष 2007 से संचालित है और वर्तमान में 425 छात्राएं यहां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। पालकों का आरोप है कि 27 मई 2025 से लागू इस मर्जर आदेश के चलते कन्या शाला की छात्राओं को बालक शाला में शिफ्ट कर दिया गया, जिससे बेटियों की पढ़ाई, सुरक्षा और वातावरण पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
शिक्षा के साथ खिलवाड़, बेटियों का भविष्य अधर में
पत्र में उल्लेख किया गया है कि विद्यालय में पढ़ रही बच्चियों और अभिभावकों को यह निर्णय बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। समिति ने बताया कि नारी शिक्षा को बढ़ावा देने वाली सरकार और भाजपा की नीति के विपरीत यह आदेश बेटियों के भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा है। पालक समिति का कहना है कि लगातार आवेदन और विरोध के बावजूद अब तक समाधान नहीं मिला है। इस कारण नाराजगी बढ़ती जा रही है।
मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
पालकगण ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की है कि 425 दर्ज संख्या वाली कन्या शाला को तत्काल मर्ज आदेश से बाहर किया जाए। साथ ही नारी पढ़ेगी तो विकास बढ़ेगा के नारे को सार्थक करने के लिए कन्या शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए।