गरियाबंद वन विभाग का बड़ा मिशन 120 वैद्यराजों की धमाकेदार ट्रेनिंग से विलुप्त औषधीय पौधों के संरक्षण की नई उम्मीद ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

गरियाबंद वन विभाग का बड़ा मिशन 120 वैद्यराजों की धमाकेदार ट्रेनिंग विलुप्तप्राय औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए 120 से ज्यादा वैद्यराजों को ट्रेनिंग दी गई। जानिए कैसे पारंपरिक ज्ञान से जंगलों को बचाने का प्लान बना ।

गरियाबंद क्या आपको पता है कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के जंगलों में दुर्लभ औषधीय पौधे तेजी से खत्म हो रहे हैं? और इससे भी चौंकाने वाली बात ये कि इन्हें बचाने की कमान अब उन वैद्यराजों ने संभाल ली है, जिनके पास सदियों पुराना पारंपरिक ज्ञान है! जी हां, वन विभाग और ग्रीन कैनोपी इंडिया के संयुक्त प्रयास से गरियाबंद में 120 से ज्यादा वैद्यराजों को औषधीय पौधों के संरक्षण की ट्रेनिंग दी गई, ताकि ये बेशकीमती जड़ी-बूटियां अगली पीढ़ी तक जिंदा रहें।

गरियाबंद वन विभाग का बड़ा मिशन 120 वैद्यराजों की धमाकेदार ट्रेनिंग

गरियाबंद वन विभाग का बड़ा मिशन 120 वैद्यराजों की धमाकेदार ट्रेनिंग

गरियाबंद वन विभाग का बड़ा मिशन 120 वैद्यराजों की धमाकेदार ट्रेनिंग वैद्यराजों ने खुद लगाया पौधा

गरियाबंद के सुदूर गांवों से आए वरिष्ठ वैद्यराजों ने वन विभाग की नर्सरी में खुद औषधीय पौधों का रोपण किया। इस दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने बताया कि जड़ी-बूटियों का बेतहाशा दोहन इन्हें खत्म कर रहा है। उन्होंने वैद्यराजों को जंगल में पाए जाने वाले पौधों की पहचान और टिकाऊ तरीके से उनके उपयोग की ट्रेनिंग दी।

वैद्यराजों के ज्ञान पर अब होगा वैज्ञानिक रिसर्च

कार्यक्रम में वैद्यराजों ने अपनी पीढ़ियों से चली आ रही औषधीय विधियों को साझा किया और बताया कि किस पौधे के किस हिस्से से कौन-सी बीमारी का इलाज होता है। कई वैद्यराजों ने जोर देकर कहा कि जिन बीमारियों का इलाज एलोपैथी में संभव नहीं, वहां पारंपरिक औषधि कारगर है । लेकिन जरूरत है वैज्ञानिक रिसर्च की, ताकि इन औषधीय गुणों को और बेहतर समझा जा सके।

वरुण जैन बोले- औषधीय पौधे पर्यावरण और परंपरा दोनों के लिए जरूरी

उदंती-सीता नदी टाइगर रिजर्व के उपसंचालक वरुण जैन ने कार्यक्रम में कहा, औषधीय पौधे हमारी प्राकृतिक धरोहर हैं। इनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है, ताकि वैद्यराजों का अनमोल ज्ञान अगली पीढ़ी तक पहुंचे और ये पौधे हमारे जंगलों में जिंदा रहें।

वन विभाग की बड़ी योजना गांव-गांव तक फैलाएंगे जागरूकता

गरियाबंद के उपवन मंडल अधिकारी मनोज चंद्राकर ने बताया कि वन विभाग लगातार औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए काम कर रहा है। इस तरह के प्रशिक्षण स्थानीय समुदाय को जागरूक करने का बेहतरीन जरिया हैं। हमारा लक्ष्य जंगलों को औषधीय पौधों से फिर से समृद्ध बनाना है। ग्रीन कैनोपी इंडिया की देवयानी शर्मा ने भी कहा कि संगठन पारंपरिक ज्ञान को सहेजने और औषधीय पौधों के उपयोग को टिकाऊ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

वैद्यराज ईश्वर सिंह का अनुभव नया नजरिया मिला

छूरा के वैद्यराज ईश्वर सिंह ने बताया, हमारे पूर्वजों ने जड़ी-बूटियों का उपयोग सिखाया, पर अब इन्हें बचाना जरूरी है। इस प्रशिक्षण से वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नई तकनीक सीखने का मौका मिला।

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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