हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद अवैध रेत खनन का खुलासा, हाइवा और मशीनें जब्त गरियाबंद जिले के सरकड़ा, रावन और बकली घाटों में चल रहे अवैध रेत खनन जानिए पूरा मामला ।
गरियाबंद पत्रकारों पर हमले के बावजूद नहीं थम रहा अवैध खनन माफिया की चाल सुबह रावन-बकली में, शाम को सरकड़ा घाट में छापेमारी… फिर जब्त हुईं हाइवा और चैनमाउंटेन मशीनें रेत माफिया गरियाबंद जिले में अब पूरी बेशर्मी के साथ अपनी खुद की सत्ता चला रहे हैं। पत्रकारों पर हमला हो या जनता का विरोध माफिया न डरते हैं, न रुकते हैं। नियम, कानून और लाइसेंस इन माफियाओं के लिए मज़ाक बन चुके हैं।

गरियाबंद अवैध रेत खनन
गरियाबंद अवैध रेत खनन बदस्तूर जारी
आज की बड़ी खबर ये है कि सुबह रावन और बकली क्षेत्र से अवैध उत्खनन कर रही दो चैनमाउंटेन मशीनों को पकड़ा गया, जो रायपुर के अधिकृत रेत घाटों से नहीं, बल्कि गरियाबंद जिले के प्रतिबंधित इलाकों से रेत निकाल रही थीं।

अवैध खनन के लिए नित नए नए तरीके अपना रहे
जानकारों की मानें तो माफिया अब नए-नए रास्तों से रेत निकालने की तरकीबें अपना रहे हैं। रायपुर के नाम पर लाइसेंस लेकर गरियाबंद में खनन कर रहे हैं, वो भी दिनदहाड़े।
सुबह शाम की कार्यवाही में 3 मशीन दो हाइवा हुई जब्त
और शाम होते-होते फिंगेश्वर के सरकड़ा घाट में भी हलचल मच गई। यहाँ भी 1 चैनमाउंटेन और 2 हाइवा मशीनों को अवैध खनन करते हुए पकड़ लिया गया। घाटों पर दिन-रात मशीनें गड़गड़ाती रहीं और रेत की बोरियां हाइवा में भरती रहीं, मानो कानून नाम की कोई चीज़ ही न हो।
सवाल बड़ा और सीधा है
क्या जिले में कोई ऐसा तंत्र बचा है जो रेत माफियाओं से बड़ा हो?
या अब जनता को ही मोर्चा संभालकर अपनी नदियां और ज़मीन बचानी पड़ेगी?
जहाँ पत्रकारों को खामोश कराने की कोशिशें हो रही हों, वहाँ रेत माफिया की मौज समझना मुश्किल नहीं।
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