गरियाबंद जनदर्शन या फटकार दर्शन ? कलेक्टर भगवान सिंह उइके साहब फिर सुर्खियों में ।

Sangani

By Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

गरियाबंद जनदर्शन कलेक्टर भगवान सिंह उईके का फरियादियों पर भड़कने वाला वीडियो वायरल। सरकड़ा गांव के ग्रामीण तालाब विवाद लेकर पहुंचे थे जनदर्शन में। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने दी सफाई। Pairi Times 24×7 की रिपोर्ट।

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गरियाबंद छत्तीसगढ़ जनदर्शन का मकसद होता है जनता की सुनवाई लेकिन गरियाबंद में यह अब फटकार दर्शन बनता जा रहा है।मंगलवार को कलेक्टर भगवान सिंह उईके का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें वे फरियादियों पर भड़कते हुए कहते नज़र आ रहे हैं

होशियारी मत दिखाओ… सबूत लेकर आओ!

यह वीडियो जिले में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि लोग अब सवाल कर रहे हैं कि आखिर जनदर्शन में सुनवाई होती है या डांट?

गरियाबंद जनदर्शन

गरियाबंद जनदर्शन में तालाब का दर्द, प्रशासन का सबूत

वीडियो में दिख रहे ग्रामीण छुरा ब्लॉक के सरकड़ा गांव से आए थे।वे एक 70-80 साल पुराने निस्तारी तालाब के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि तालाब की जमीन को रिकॉर्ड में हेरफेर कर कृषि भूमि घोषित कर मालगुजारों में बांट दिया गया, और अब उस पर हेचरी बनाकर मछली पालन की तैयारी है।तालाब सूख गया, बदबू फैल रही है, और संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है लेकिन कलेक्टर साहब का ध्यान सिर्फ सबूत पर है।

यह पहला मामला नहीं जनदर्शन में कई बार गरज चुके हैं कलेक्टर

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है।ऐसे कई मौकों पर देखा गया है कि कलेक्टर भगवान सिंह उईके फरियादियों से तीखे लहजे में बात करते हैं।जनता अपनी समस्या बताने जाती है, पर अक्सर लौटती है “सबूत लेकर आओ” जैसे जवाब के साथ।इस बार भी मामला कुछ ऐसा ही हुआ।सरकड़ा गांव के ही एक ग्रामीण ने इस पूरे घटनाक्रम पर सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर कहा हम समस्या लेकर गए थे, पर सुनवाई की जगह फटकार मिली।

कलेक्टर बोले गलतफहमी है

वहीं, कलेक्टर भगवान सिंह उईके का कहना है कि

फरियादियों से कुछ लोग बदतमीजी कर रहे थे। वायरल वीडियो को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।

जनता से इस तरह का बर्ताव क्या उचित है

जनदर्शन का नाम बदलकर अब फटकार दर्शन रख देना चाहिए जहां जनता अपनी फरियाद लेकर आती है और लौटते वक्त सिर्फ सबूत लेकर आओ की गूंज साथ ले जाती है।सरकड़ा के ग्रामीण अब मज़ाक में कहते हैं गरियाबंद में न्याय नहीं, सबूत दर्शन होता है!

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