हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। नेशनल हाइवे 130 सी के ऊर्तुली मोड़ पर खड़ी गिट्टी से लदी ओवरलोड हाइवा (क्रमांक सीजी 04 एमएम 0504) ने प्रशासन और कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। तीन दिन से खड़ी यह गाड़ी न केवल ट्रैफिक में बाधा बन रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ा रही है। मगर गरियाबंद आरटीओ विभाग हमेशा की तरह मूक दर्शक बना हुआ है
खतरनाक मोड़ पर खड़े वाहन की अनदेखी
ऊर्तुली का यह मोड़ पहले से ही तीव्र घुमाव और सीमित दृश्यता के लिए बदनाम है। ऐसे में तीन दिन से खड़ी यह ओवरलोड गाड़ी किसी हादसे का कारण बन सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार इस वाहन की वजह से तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहन अचानक ब्रेक लगाने को मजबूर हुए हैं। इससे टकराव की नौबत आई, पर किसी तरह बड़ी दुर्घटना टल गई।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह गाड़ी गरियाबंद के ही लोकल की है, जिसकी गाड़ियां अक्सर ओवरलोड होकर सड़कों पर दौड़ती हैं। बावजूद इसके, आरटीओ ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जब आरटीओ रविंद्र ठाकुर से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। यह लापरवाही लोगों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है। पुलिस विभाग ने जरूर आज सुबह वाहन मालिक को वाहन हटाने के लिए कहा था । उसके बाद भी वाहन उसी अवस्था मे उसी जगह पर खड़ा हुआ है । हालांकि पुलिस प्रशासन ने संभावित दुर्घटनाओं को देखते हुए रेडियम रिफ्लेक्टर लगा दिया है
ओवरलोडिंग: नियमों की धज्जियां उड़तीं, जुर्माना नदारद
ओवरलोड वाहन सड़कों पर न केवल ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि सड़क की स्थिति भी खराब करते हैं। वर्तमान में कंपनिया 12 चक्का वाहन को 812 फिट लोडिंग के हिसाब से दे रही है मगर वाहन मालिक उसमे पटरा लगाकर उसे 1 हजार फीट का बनाकर चला रहे है । जो हाइवा सड़क किनारे खड़ी है वह भी ओवर लोड चल रही है । नियमों के अनुसार, ओवरलोड गाड़ियों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में न वाहन को हटाया गया, न ही जुर्माना लगाया गया।
स्थानीय लोग असुरक्षित, प्रशासन मूकदर्शक
स्थानीय नागरिकों में नाराजगी बढ़ रही है। उनका कहना है कि प्रशासन की यह निष्क्रियता किसी दिन बड़े हादसे का कारण बनेगी। यदि जल्द ही इस वाहन को हटाया नहीं गया और ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल ट्रैफिक व्यवस्था की विफलता होगी, बल्कि आम जनता की जान जोखिम में डालने का उदाहरण भी बनेगा । अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस लापरवाही से सबक लेकर कार्रवाई करेगा, या किसी बड़े हादसे का इंतजार करेगा?