संपादक पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद धान खरीदी 2025-26 को लेकर कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने कड़े निर्देश दिए हैं। ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर FIR की चेतावनी के बाद 27 समिति प्रबंधक प्रशिक्षण में हाजिर हुए पैरी टाईम्स पर।
गरियाबंद में इस साल की धान खरीदी शुरू होने से पहले ही प्रशासन फुल एक्शन मोड में आ गया है। कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने जिले के सभी समिति प्रबंधकों और डाटा ऑपरेटरों को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुलाकर जो प्रशिक्षण दिया है, उसकी गूंज दूर तक सुनाई दे रही है। सीधे शब्दों में कहें तो, कलेक्टर साहब ने स्पष्ट कर दिया है कि धान खरीदी शासन की प्राथमिकता है, और इस प्राथमिकता को जो भूलेगा, शासन उसे याद दिलाना अच्छे से जानता है।

आखिर एस्मा की याद क्यों दिलानी पड़ी?
बैठक का सबसे बड़ा हाईलाइट रहा कलेक्टर साहब का वो अल्टीमेटम, जिसने कईयों की नींद उड़ा दी। उन्होंने दो टूक कहा कि धान खरीदी को राज्य शासन ने अत्यावश्यक सेवा अधिनियम (एस्मा) में शामिल किया है। इसका सीधा मतलब है- छुट्टी भूल जाओ, काम पर ध्यान लगाओ। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि अगर धान खरीदी में लगा कोई भी कर्मचारी अपनी ड्यूटी से निजी कारणों से गायब मिला, तो प्रशासन उसके खिलाफ सीधे FIR की कार्रवाई करेगा। जी हाँ, आपने सही पढ़ा, सीधा FIR ।
27 प्रबंधकों की घर वापसी
प्रशासन की ये सख्ती बेवजह नहीं है। असल में, जिले के 27 समिति प्रबंधक ऐसे थे, जिन्होंने ड्यूटी लगने के बाद भी धान खरीदी केंद्रों से दूरी बनाए रखी थी। इन सभी को प्रशासन ने पहले प्रेम पत्र यानी नोटिस जारी किया था। चमत्कार देखिये FIR की चेतावनी और नोटिस का जवाब मिलते ही सभी 27 प्रबंधक रविवार को हुए इस प्रशिक्षण में न केवल मौजूद थे, बल्कि पूरे ध्यान से कलेक्टर साहब के निर्देशों को सुन भी रहे थे। इसे कहते हैं डोज का सही असर ।
इस बार सिस्टम टाइट है खरीदी के नए नियम
इस बार की धान खरीदी में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई है। किसानों के लिए भी खुशखबरी है
- 21 क्विंटल प्रति एकड़ किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान खरीदा जाएगा। किसानों की तो बल्ले-बल्ले
- टोकन तुहर हाथ सुबह 8 से 9 बजे तक टोकन तुहर हाथ ऐप से और 9:30 से शाम 5 बजे तक समिति में टोकन कटवा सकते हैं।
- रकबा समर्पण कलेक्टर ने किसानों से धान बेचने के बाद बचे हुए रकबे को समर्पित करने की अपील भी की है।
कोचिया और नमी वालों की खैर नहीं
प्रशिक्षण में साफ कर दिया गया कि बिचौलियों और गुणवत्ता से खिलवाड़ करने वालों के दिन लद गए
- नो प्लास्टिक, ओनली सुतली धान के बोरों की सिलाई अब सिर्फ जूट की रस्सी (सुतली) से ही होगी। प्लास्टिक रस्सी का प्यार अब खत्म करना होगा।
- पहले जांच, फिर एंट्री धान को फड़ में अंदर लाने से पहले उसकी नमी (14 से 17% मानक) और गुणवत्ता की जांच होगी। मतलब, अब अंदर लाकर मैनेज करने का खेल खत्म।
- शाम 5 बजे शटर डाउन किसी भी हाल में शाम 5 बजे के बाद खरीदी नहीं होगी।
- सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक कांटा इस साल सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक कांटे-बाट का ही उपयोग होगा। मैन्युअल का जमाना गया, अब सब कुछ डिजिटल होगा।
कलेक्टर उइके का यह कड़ा रुख देखकर लगता है कि इस बार गरियाबंद में धान खरीदी सुचारू रूप से और किसानों के हित में संपन्न होगी। आखिर, जब सिस्टम को टाइट करने के लिए एस्मा और FIR जैसे हथियारों का इस्तेमाल हो, तो अच्छे-अच्छों को कर्तव्य याद आ ही जाता है।
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