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हिमांशु….. पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद पुलिस ने दीपावली से पहले आम जनता को खुश कर दिया। साइबर सेल की मदद से 60 खोए हुए मोबाइल बरामद कर उनके मालिकों को लौटाया गया। CEIR पोर्टल की मदद से हुई यह शानदार पहल अब लोगों के चेहरे पर नेटवर्क वाली मुस्कान लौटा रही है।
गरियाबंद, दीपावली से पहले गरियाबंद पुलिस ने वो कर दिया जो कई मोबाइल कंपनियाँ तक नहीं कर पातीं 60 खोए हुए मोबाइल ढूंढ निकाल कर उनके असली मालिकों को वापस कर दिए! और इस बार कैशबैक नहीं, बल्कि मुस्कान बैक लौटी है।

गरियाबंद पुलिस का CEIR पोर्टल बना मोबाइल खोजी शेरलॉक
पुलिस के साइबर सेल ने भारत सरकार के CEIR पोर्टल का इस्तेमाल करते हुए गुम और चोरी हुए मोबाइलों के IMEI नंबर के ज़रिए उन्हें ट्रैक किया। जहाँ लोग आजकल नेटवर्क नॉट अवेलेबल की शिकायत करते हैं, वहीं पुलिस ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो खोया मोबाइल भी लोकेशन ऑन कर देता है।
मोबाइल मिला तो खुशी का अपडेट ऑन!
मोबाइल पाकर कई लोग इतने खुश हुए कि उन्होंने खुद कहा अब लगता है दीपावली सच में आ गई! कोई अपने कॉन्टैक्ट लिस्ट को गले लगा रहा था, तो कोई फोटो गैलरी देखकर भावुक हो गया। कुछ लोगों ने तो मज़ाक में कहा अब पुलिस से बैकअप सर्विस भी मिल रही है।
पुलिस की अपील गुम हो जाए तो तुरंत बताएं!
गरियाबंद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर कभी मोबाइल गुम हो जाए तो साइबर सेल, गरियाबंद को तुरंत सूचना दें। मोबाइल नंबर, IMEI, मॉडल, बिल, खोने की तारीख और आधार कार्ड साथ लाना न भूलें वरना मोबाइल तो मिल जाएगा, पर कन्फर्मेशन में दिक्कत होगी!
CEIR कैसे काम करता है?
यह पोर्टल भारत सरकार का डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो चोरी या गुम मोबाइल के IMEI नंबर के जरिए यह पता लगाता है कि मोबाइल में इस वक्त कौन-सी सिम चल रही है। यानी यह देश का सबसे भरोसेमंद लोकेशन ट्रैकर है वो भी बिना डेटा चार्ज के गरियाबंद पुलिस का यह मोबाइल मिशन बता गया कि अगर सिस्टम चाहे तो खोई चीजें मिल सकती हैं चाहे वो मोबाइल हो, भरोसा हो या जनता का विश्वास। दीपावली से पहले ऐसा तोहफा… नेट नहीं, दिल कनेक्ट कर गया!


