रिपोर्टर पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद राज्योत्सव भव्य अव्यवस्था का शुभारंभ गरियाबंद राज्योत्सव 2025 की शुरुआत भारी हंगामे और मिसमैनेजमेंट के साथ हुई। सत्ता पक्ष के नेता ही नाराज होकर लौटे, बैनर-पोस्टर से भी जनप्रतिनिधि गायब दिखे पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स पर ।
गरियाबंद छत्तीसगढ़ के रजत महोत्सव यानी गरियाबंद राज्योत्सव का आगाज़ ऐसा हुआ कि लोग इसे शायद ही कभी भूल पाएं। कार्यक्रम की शुरुआत भारी अव्यवस्था और सत्ता पक्ष के नेताओं की घनघोर नाराजगी के एक शानदार प्रदर्शन के साथ हुई। गरियाबंद के गांधी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम ने कथित तौर पर मिसमैनेजमेंट के नए कीर्तिमान स्थापित किए, जिसे देखकर कई बड़े जनप्रतिनिधि तो मंच की स्थिति को दूर से ही प्रणाम कर वापस लौट गए। कार्यक्रम का शुभारंभ तो जैसे-तैसे मुख्य अतिथि दयाल दास बघेल की उपस्थिति में हो गया। मंच पर राजिम विधायक रोहित साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप और भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल चंद्राकर सहित कई गणमान्य मौजूद थे। लेकिन, असली मास्टरस्ट्रोक तो जिला प्रशासन ने बैनरों और पोस्टरों में दिखाया।

गरियाबंद राज्योत्सव भव्य अव्यवस्था का शुभारंभ होर्डिंग्स से अंतर्ध्यान हुए माननीय, चर्चाओं का बाजार गर्म
पूरे राज्योत्सव के स्टॉल और मंच पर एक अदृश्य कला का प्रदर्शन किया गया, जहां से अधिकांश जगहों पर स्थानीय राजिम विधायक, जिला अध्यक्ष और अन्य जनप्रतिनिधियों के चेहरे ही गायब कर दिए गए। यह नयापन और अनोखी व्यवस्था पूरे कार्यक्रम में चर्चा का मुख्य विषय बनी रही। प्रशासन के इस अद्भुत मैनेजमेंट को देखकर कई जनप्रतिनिधि इतने भावुक हो गए कि उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए शुरू में मंच पर चढ़ने से ही इनकार कर दिया। हालांकि, बाद में मंच से बड़े नेताओं द्वारा मनुहार किए जाने पर वे जैसे-तैसे मंच पर आकर बैठे। यह कार्यक्रम ऐसा लग रहा था मानो जैसे कि किसी स्कूल का वार्षिक उत्सव समारोह हो ?
मंत्री के सामने अधिकारियों को मिली शाबाशी
गरियाबंद में संपन्न हुए राज्योत्सव में ऐसा मौका पहली बार ही देखने को मिला, जब सत्ता पक्ष के नेताओं में इस कदर नाराजगी दिखी। यह नाराजगी केवल गांधी मैदान तक सीमित नहीं रही। सूत्रों के अनुसार, सर्किट हाउस में भी मंत्री महोदय के सामने एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने अधिकारियों को इस सफल आयोजन के लिए जमकर बधाई दी, जिसे आम भाषा में नाराजगी जाहिर करना कहते हैं।
पिछले साल LED, इस साल गायब विधायक वाला बैनर
स्थानीय लोग भी पिछले साल के भव्य आयोजन को याद कर इस साल की सादगी पर हैरान थे। लोगों में चर्चा रही कि पिछले साल जहां मंच पर विशाल LED स्क्रीन चमक रही थी, वहीं इस साल एक साधारण बैनर से काम चलाया गया, वह भी बिना स्थानीय जनप्रतिनिधियों की तस्वीरों के।
मीडिया ने भी बनाई दूरी, खाली कुर्सियों ने दी गवाही
इस पारदर्शी कार्यक्रम में जिला प्रशासन के भाई-भतीजावाद वाले दोहरे रवैये की भी खूब चर्चा रही। इससे अभिभूत होकर ज्यादातर मीडिया कर्मियों ने कार्यक्रम से दूरी बनाना ही बेहतर समझा। मुख्य मंच के सामने मीडिया के लिए लगी खाली कुर्सियां, तालियों से भी ज्यादा शोर मचाती हुई, इस सफल मीडिया मैनेजमेंट की चीख-चीख कर गवाही दे रही थीं।
कार्यक्रम को लेकर कुछ अव्यवस्थाएं तो देखी गई हैं और कई जनप्रतिनिधियों में भी नाराजगी थी,इस बारे में जिला प्रशासन के साथ बैठकर बात की जाएगी।
रोहित साहू, राजिम विधायक
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