गरियाबंद तबादला 2 दिन 2 ट्रांसफर एक ही जिला में काम का स्टाइल बना ट्रांसफर का ट्रिगर पढ़ें ब्यूरोक्रेसी की ब्लॉकबस्टर स्क्रिप्ट ।

Photo of author

By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

गरियाबंद तबादला 2 दिन 2 ट्रांसफर गरियाबंद में दो दिनों में हुए दो बड़े प्रशासनिक तबादलों ने हलचल मचा दी है। एक अधिकारी को बिना नई पोस्टिंग के हटाया गया, जबकि दूसरे को रायपुर में प्रमोशन मिला। जानिए पूरी कहानी कार्यशैली और जांच के एंगल से।

गरियाबंद में दो दिन, दो तबादले और एक ही कॉमन फैक्टर काम का तरीका गरियाबंद जिले में बीते 48 घंटे प्रशासनिक हलचल के नाम रहे। राज्य सरकार ने एक के बाद एक दो बड़े अधिकारियों की फाइलों को ट्रांसफर एक्सप्रेस में चढ़ा दिया। लेकिन ये तबादले साधारण नहीं थे । बल्कि दोनों में एक गहरा कॉमन फैक्टर था, जिसे जनता कार्यशैली कहती है और अफसर अंदर की बात।

गरियाबंद तबादला 2 दिन 2 ट्रांसफर

गरियाबंद तबादला 2 दिन 2 ट्रांसफर

गरियाबंद तबादला 2 दिन 2 ट्रांसफर और सिस्टम की चुप्पी

पहले तबादले में चर्चा में आए जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम, जिन्हें सीईओ पद से हटा तो दिया गया, लेकिन नई पोस्टिंग अभी भी शासन के विचाराधीन है। कहा जा रहा है कि जियो टैगिंग की बोगस फ़ाइलों से लेकर पंचायत सचिवों के ट्रांसफर परम आनंद तक, इनकी कार्यप्रणाली ने सरकार को निर्णयात्मक मोड में डाल दिया। हालात ऐसे बने कि एक गांव के लोग तो इन्हें रोकने पांव पड़ने तक पहुंच गए थे पर अफसरशाही जब मूड में हो, तो चरण स्पर्श से भी फैसले नहीं बदलते।

अरविंद पांडे का जांचों भरा कार्यकाल और राजधानी का ट्रांसफर गिफ्ट ।

अब बात करें दूसरे तबादले की, तो नाम है अपर कलेक्टर अरविंद पांडे जिन्हें गरियाबंद में कड़क पांडे के नाम से जाना जाता था। उनके कार्यकाल में ऐसा कोई बड़ा मामला नहीं बचा, जिसमें उन्होंने जांच न बैठाई हो। फिर चाहे मैनपुर का 4 करोड़ का स्वास्थ्य घोटाला हो, चिटफंड कंपनियों की लेन-देन की चायपत्ती, या फिर अंतर्जातीय विवाह की योजनाओं में आउट ऑफ सिलेबस लाभार्थी पांडे जी हर फाइल में कलम की धार छोड़ गए। अब उन्हें राजधानी में रायपुर विकास प्राधिकरण का अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी बना दिया गया है, जिसे लोग चुपचाप अपर प्रमोशन कह रहे हैं।

तबादलों के पीछे की चर्चाएं फाइलें भारी पड़ीं या फीलिंग्स

इन दोनों तबादलों में एक को तो जैसे वाशिंग मशीन में डालकर फॉर्मल वियर से सीधे हाफ पैंट में पहुंचा दिया गया है, जबकि दूसरे को राजधानी की विकास यात्रा में VIP सीट पकड़ा दी गई है। लेकिन मजेदार बात ये है कि दोनों ही तबादले सरकारी प्रेसनोट में बेहद सादगी से दर्ज हैं । जैसे सबकुछ नार्मल हो हां, जनता जरूर समझ गई कि अब तबादलों की चाय में कार्यशैली नाम का बिस्किट डुबकी लगाने लगा है।

बड़ा सवाल अब अगली फाइल किसकी उड़ने वाली है?

गरियाबंद में अब चर्चा यही है काम ठीक करो, वरना ट्रांसफर एक्सप्रेस तैयार खड़ी है! अगला नंबर किसका है, ये तो पता नही लेकिन फिलहाल अफसरों की नींद में रायपुर की ट्रेन जरूर शामिल हो चुकी है।

ये खबर सरकारी तबादलों और जनचर्चा पर आधारित है, ना कि किसी अफसर की नींद उड़ाने के लिए। अगर कोई बात दिल पर लग जाए तो कृपया ध्यान दें ये समाचार है, नोटिस नहीं। Pairi Times 24×7 सिर्फ सच और सिस्टम के बीच की चाय परोसता है, जजमेंट नहीं।

,

यह भी पढ़ें…..अनोखा विरोध सड़क मांगते-मांगते थक गए अब वहीं धान बो दिए डुमरबहाल मानकीगुड़ा कीचड़ रोड बना खेती का नया मॉडल ।

कृपया शेयर करें

अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

लगातार सही खबर सबसे पहले जानने के लिए हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़े

Join Now

Join Telegram

Join Now

error: Content is protected !!