हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और धमतरी जिलों के नक्सल प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में बड़ी कार्रवाई की। यह तलाशी पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा बल और मतदान दल पर हुए नक्सली हमले से जुड़ी जांच का हिस्सा थी।
NIA की टीम ने रावनडिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबहरा और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में छापेमारी की। इस दौरान 11 संदिग्धों के घरों और परिसरों की तलाशी ली गई। जांच में सामने आया है कि ये संदिग्ध नक्सलियों के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और सीपीआई (माओवादी) के समर्थक हो सकते हैं।

क्या-क्या हुआ जब्त?
NIA ने संदिग्धों के परिसरों से नक्सली पर्चे, डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन, नगद राशि और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। एजेंसी का कहना है कि इन सबूतों से माओवादियों के नेटवर्क और उनके स्थानीय सहयोगियों का खुलासा हो सकता है।
अब तक क्या हुआ?
NIA ने इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। एजेंसी की यह कार्रवाई नक्सली नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के उद्देश्य से की जा रही है।
संदेश क्या है?
NIA की यह कार्रवाई न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने वाली हर कोशिश को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध है। एवं भारत के सबसे मजबूत लोकतंत्र में निष्पक्ष और भय रहित वातावरण में चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है ।