हिमांशु साँगाणी/गरियाबंद
गरियाबंद छत्तीसगढ़ के वन विभाग ने वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कब्जाधारियों को 15 दिन के भीतर भूमि खाली करने का अंतिम नोटिस जारी किया है। I तौरंगा रेंज के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोना में अवैध रूप से कब्जा करने वाले 16 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया है जिसपर वन विभाग के द्वारा आज कार्यवाही की जानी हैं।SRO और Google Earth की सैटेलाइट इमेज से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर यह साबित हुआ कि अतिक्रमणकारी बड़े पैमाने पर वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं और वृक्षों की कटाई कर रहे हैं।
31 अगस्त और 18 सितंबर 2024 को वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया। साथ ही, वन अधिकार मान्यता अधिनियम 2006 और नियम 13 के अंतर्गत कब्जे का कोई वैध साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया।
देखे वीडियो ।
वन विभाग ने ISRO द्वारा राष्ट्रीय संवेदन केंद्र से प्राप्त CARTOSAT 2006 और Google Earth (वर्ष 2012, 2014, 2020 और 2023) की सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग कर पुष्टि की कि वर्ष 2005 के बाद वन भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। इन इमेजरी से यह भी स्पष्ट हुआ कि अतिक्रमण के चलते वनों का घनत्व कम हुआ है और बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई की गई है।
परिक्षेत्र अधिकारी ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अतिक्रमणकारियों के पास अन्य गांवों में निजी जमीनें हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे भूमिहीन नहीं हैं। इसके बावजूद, वन भूमि पर कब्जा केवल आर्थिक लाभ के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इन 16 अतिक्रमणकारियों पर होनी है कार्यवाही ।
वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए आदेश जारी किया है कि यदि अतिक्रमण स्थल 15 दिनों के भीतर खाली नहीं किया जाता है, तो 22 अक्टूबर 2024 को बलपूर्वक अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके अलावा, वन अपराध में उपयोग किए गए सामानों को जब्त कर लिया जाएगा और अतिक्रमणकारियों से सभी खर्चों की वसूली भू-राजस्व के रूप में की जाएगी।
वन विभाग द्वारा जारी सीडी में अतिक्रमण और वृक्षों की कटाई के दृश्य भी दर्ज किए गए हैं, जो कार्रवाई के लिए आधार बने हैं।