गरियाबंद में जनसेवक से जेलसेवक का सफर नाबालिक से छेड़छाड़ के आरोप मंडल महामंत्री को 5 साल की सजा ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

गरियाबंद के भारतीय जनता पार्टी के इस मंडल के महामंत्री को नाबालिक से छेड़छाड़ के मामले में 5 साल की

गरियाबंद राजनीति में लोग कहते हैं सेवा ही धर्म है, लेकिन भाजपा मंडल महामंत्री मैनपुर महेश कश्यप ने इस सेवा को एक अलग ही दिशा दे डाली। मामला नाबालिक पीड़िता से छेड़छाड़ का है, जिसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे 5 साल की सजा सुना दी।

गरियाबंद

गरियाबंद के मैनपुर ब्लॉक में मंडल महामंत्री ने 2 हजार की लालच देकर दिखाई बदनीयती

घटना 3 जून 2022 की है, जब महामंत्री महोदय ने मासूम बच्ची को 2 हजार का लालच देकर जींस उतारने की बात कही और गलत नीयत से छेड़छाड़ की। नाबालिक ने घरवालों को जानकारी दी, और 4 जून को मामला दर्ज हुआ।

27 दिन जेल में बिताने के बाद मिली जमानत मगर न्यायालय ने फिर दिखाया जेल का रास्ता

27 दिन जेल में रहने के बाद नेता जी बेल पर बाहर आ गए थे, लेकिन अदालत की गवाही और नौ गवाहों के बयानों ने आखिरकार उन्हें पार्टी दफ्तर से उठाकर जेल दफ्तर पहुँचा दिया।

3 साल 3 माह और 8 गवाहों के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला

अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने 354, 454 और पॉक्सो की धारा 10 के तहत अलग-अलग धाराओं में 5 साल की सजा सुनाते हुए साफ कर दिया कि राजनीति की ढाल अपराधियों को बचा नहीं सकती।

अब पार्टी की साख पर सवाल

अब सवाल यह है कि जब पार्टी का महामंत्री ही मासूमियत की बोली लगाने लगे, तो जनता भरोसा किस पर करे? यह फैसला न सिर्फ अदालत की जीत है बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश है कि अपराध चाहे कितना भी बड़ा नेता क्यों न करे, जेल का रास्ता तय है।

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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