गरियाबंद के जंगल में भालू का आतंक तेंदूपत्ता तोड़ने गए एक पुरुष और एक महिला पर भालू ने दो अलग-अलग स्थानों पर हमला कर दिया। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
गरियाबंद जंगल की हरियाली के बीच तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों की किस्मत उस वक्त धोखा दे गई, जब झाड़ियों में छुपा मौत का साया उन पर झपट पड़ा। जी हां, गरियाबंद जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में
गरियाबंद के जंगल में भालू का आतंक,अलग अलग घटनाओं में दो लोगों पर किया हमला
पहली घटना कोदोबतर जंगल के सिरायसिंग मुड़ा बांध के पास हुई, जहां मालगांव निवासी 45 वर्षीय गोवर्धन निषाद तेंदूपत्ता तोड़ रहा था। तभी झाड़ियों से अचानक निकले भालू ने उसकी कूल्हे और पैर पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। चीख-पुकार सुनकर साथी लोग भागे और गोवर्धन निषाद ने बहादुरी दिखाते हुए भालू के सिर पर पत्थर से हमला कर किसी तरह उसने अपनी जान बचाई । गोवर्धन को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया है, जहां इलाज जारी है।
वहीं, दूसरी घटना घुटखुनवापारा की है। एक महिला, जो तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गई थी, उस पर भी अचानक भालू ने हमला कर दिया। महिला की चीखें सुनकर आसपास के लोग दौड़े और जान बचाई। घायल महिला को भी तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
दोनों पीड़ितों का इलाज गरियाबंद जिला अस्पताल में चल रहा है।
इन हमलों ने जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने वालों में डर का माहौल बना दिया है। वन विभाग से ग्रामीणों ने मांग की है कि त्वरित कार्रवाई कर भालू की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए।
भालू का हमला गरियाबंद में क्यों बढ़ रहा है?
वन क्षेत्रों में वनों पक्ष तोड़ने लगातार ग्रामीण जंगलों में जाते हैं कई बारदूसरों से पहले जाने की होड़ में उजाला होने के पहले ही जंगल में चलेजाते हैं इस दौरान जंगली जानवर भी वहां मौजूद रहते हैं जिसके चलते हमले की घटनाएं बढ़ रही है