हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में विश्व बांस दिवस पर 12 सौ पौधों का रोपण और बांस हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित। Bamboo Lady of India नीरा सरमा ने ग्रामीणों को रोजगार के नए आयाम सिखाए पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स आपे
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गरियाबंद टाइगर रिज़र्व के जंगल अब सिर्फ बाघों और हिरणों की अड्डेबाज़ी तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अब यहां बांस की फुसफुसाहट भी सुनाई देगी। जी हां, उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में विश्व बांस दिवस और सेवा पर्व का शुभारंभ ऐसा हुआ मानो हरियाली ने खुद ढोल-नगाड़े बजाकर स्वागत किया हो।

उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में 12 सौ बांस पौधों का रोपण बाघ बोले, हम भी खुश है
इन्दागांव परिक्षेत्र के 5 हेक्टेयर क्षेत्र में 1200 बांस पौधे लगाए गए। कहते हैं, अब जंगल में पिकनिक मनाने आने वालों को सेल्फी के लिए पत्तों की कमी नहीं होगी। वन मंत्री केदार कश्यप और प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण पांडेय के मार्गदर्शन तथा क्षेत्र संचालक सतोविशा समाजदार की अगुवाई में यह पहल हुई।
बांस लेडी ऑफ इंडिया नीरा सरमा का जादू
आसाम से आईं श्रीमती नीरा सरमा, जिन्हें लोग प्यार से Bamboo Lady of India कहते हैं, ने ग्रामीणों को समझाया कि बांस सिर्फ टोकरियों और सूपों के लिए नहीं होता। उससे जेवर, शोपीस और रोजगार भी बन सकते हैं। उनके प्रदर्शन को देखकर गांव की महिलाएं बोलीं अब सोना-चांदी छोड़ो, बांस का गहना पहनेंगे।
PVTG समुदाय के लिए रोजगार का नया रास्ता
मैनपुर ट्रेनिंग हॉल में बांस हस्तशिल्प कार्यशाला शुरू हुई, जहां कमार समुदाय के शिल्पकारों ने सीखा कि कैसे एक साधारण बांस की डंडी को चमचमाते गहनों में बदला जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे गांव में रोजगार बढ़ेगा और बाजार में बांस की ब्रांडिंग भी होगी।
जनप्रतिनिधि और अफसरों की मौजूदगी
कुल्हाड़ीघाट से बनसिंह सोरी, कठवा से फूलचंद नेताम, नागेश से अर्जुन नायक, कोयबा से दीपक मंडावी, इन्दागांव से यशवंत मरकाम, और लगभग 150 ग्रामीण कार्यक्रम में शामिल हुए। अफसरशाही भी पीछे नहीं रही कलेक्टर बी.एस. उइके, उपनिदेशक वरुण जैन, सीईओ प्रखर चंद्राकर, एसडीओ गोपाल कश्यप, जगदीश दर्रो और बी.एस. राजपूत समेत पूरा वन अमला मौजूद था।
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