हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद किस्सा देवभोग BRC की कुर्सी का , देवभोग में बीआरसीसी पद को लेकर
गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में बीआरसीसी (ब्लॉक संसाधन समन्वयक) की कुर्सी को लेकर भाजपा में ही दो गुट आमने-सामने आ गए हैं। पद कोई छोटा नहीं है, आखिर ‘छोटा पैकेट, बड़ा धमाका’ वाली पोस्ट जो ठहरी। ना कोई शिकवा थी ना शिकायत हुई,फिर भी अच्छे काम कर रहे डी आर सोरी देवभोग बीआरसीसी को हटा कर दूसरे शिक्षक कुंदन लाल हरपाल को बीआरसीसी बनाने का आदेश जारी कर दिया गया। चुंकि सोरी की पदस्थापना मंत्रालय से हुई थी,और हरपाल की नियुक्ति नियम ताक में रख कर जिले के सत्ता सीन संगठन के एक गुट ने करा दिया।न केवल आदेश जारी कराया बल्कि संगठन के प्रशासनिक काम का देख रेख करने वाले कथित एक भाजपा नेता व्यक्तिगत स्वार्थ की सिद्धि के लिए ,लिए टास्क को पूरा करने अब सिस्टम को गुमराह करने की कोशिश भी शुरू कर दिया है।भाजपा संगठन के छवि को दांव में लगाकर उक्त शख्स एक बीआरसीसी की कुर्सी के लिए शिक्षा विभाग के अफसरों की कुर्सी का चक्कर दिन रात काटते देखा जा रहा। चुने गए जनप्रतिनिधि की गरिमा को ताक में रख कर खुद सिस्टम के आगे ऐसा खड़ा हो रहा हो जाने माने उसे सरकार ने कोई ग्रीन कार्ड दे दिया हो।संगठन को मजबूत करने,संगठन के कार्य का प्रचार प्रसार करने के मूल काम को छोड़ प्रशासनिक कार्य में भारी दखलंदाजी करने वाले शख्स को अगर संगठन समय पर किनारा नहीं किया तो नैय्या डूबना तय है किस्सा देवभोग BRC की कुर्सी का जैसे ही पता चला कि दुल्लूराम सोरी को हटाकर कुंदन हरपाल को बीआरसीसी बना दिया गया है — वो भी सीधे मंत्रालयिन आदेश से — जिले की राजनीतिक थाली में खलबली मच गई। चर्चा है कि इस नियुक्ति के पीछे गरियाबंद के गुट की “सौदेबाज़ी” की चटपटी कहानी है, जिसमें नाप-तौल कर चढ़ावा भी चढ़ाया गया है। सौदेबाजी से कुर्सी के किस्से की जानकारी मिलते ही नाराज़ जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप ने खुद कलेक्टर को पत्र लिखकर नियुक्ति निरस्त करने की मांग की है। देवभोग भाजपा मंडल अध्यक्ष जगमोहन पटेल भी चुप नहीं बैठे — उन्होंने भी “क्लीन पॉलिटिक्स” का राग छेड़ते हुए लिखित आपत्ति ठोक दी। वहीं गोवर्धन मांझी ने भी इस सौदेबाजी वाली सीटिंग को लेकर विरोध दर्ज किया है सूत्रों की माने तो जिला मुख्यालय का एक गुट जिसे वजनदार पैकेट मिल चुका है अब वह कुर्सी दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगा रहा है, वहीं देवभोग का दूसरा गुट संगठन की छवि बचाने की मशक्कत में लगा है। सवाल ये नहीं कि बीआरसीसी कौन बनेगा, सवाल ये है कि भाजपा में ‘बीआरसीसी’ का मतलब अब “भाई रिश्ता, चढ़ावा, चेहरा” हो गया है क्या? जनता के कार्यों को छोड़कर चढ़ावे के कार्यों को ज्यादा तरहीज कब तक ? हमारी और भी खबरें देखें…तेज रफ्तार माजदा की ट्रैक्टर से टक्कर , एक की मौत, तीन घायल: बोरसी फिंगेश्वर में दिल दहलाने वाला हादसा , देखे वीडियो।किस्सा देवभोग BRC की कुर्सी का ,सत्ता बदल गई, मगर सेटिंग की संस्कृति जस की तस
नियम कानून तक में रखकर करवा दी पदस्थापना अब कुर्सी दिलाने लगा रहे जोर
संगठन का मूल कार्य छोड़ वजन वाले कामों में ध्यान ?
कुर्सी गई सोरी की, आया सेटिंग से हरपाल!
विरोध में भाजपा ही सबसे आगे – एक नहीं, तीन-तीन नेता नाराज़
अब जनता देखेगी – कौन ‘गुट’ मारेगा बाज़ी?