हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद। नगर पंचायत कोपरा के पहले नगरीय निकाय चुनाव ने राजनीतिक गतिविधियों और जनता की उम्मीदों को नई ऊर्जा दी है। ग्रामीण पंचायत से नगर पंचायत बनने के बाद लंबे समय तक विकास के अभाव और प्रशासनिक विवादों से जूझने वाले कोपरा के लिए यह चुनाव एक नई शुरुआत का संकेत है। पहली बार नेतृत्व चुनने जा रहे मतदाता न केवल अपने भविष्य के लिए उत्साहित हैं, बल्कि नगर की छवि बदलने की जिम्मेदारी भी महसूस कर रहे हैं।
पुरानी समस्याओं से सबक, नए नेतृत्व की खोज
पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल में विकास कार्यों की धीमी गति, अधूरी योजनाओं और जनहित की अनदेखी ने कोपरा को अपेक्षित प्रगति से दूर रखा। इस बार, जनता एक ऐसा नेतृत्व चाहती है, जो न केवल समस्याओं का समाधान करे, बल्कि कोपरा को आदर्श नगर पंचायत के रूप में स्थापित कर सके।
युवाओं की सक्रियता से चुनाव में नई ऊर्जा
कोपरा में पहली बार हो रहे इस चुनाव में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। डिजिटल माध्यमों से जुड़कर जागरूकता अभियान चला रहे युवा मतदाता विकास, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के मुद्दों पर मुखर हैं। उनका मानना है कि यह चुनाव सिर्फ वोट डालने का नहीं, बल्कि नगर के भविष्य को आकार देने का मौका है।
भाजपा बनाम कांग्रेस: चुनावी रण सज्जा
भाजपा का फोकस अनुभव पर
भाजपा इस चुनाव में अनुभवी और जनाधार वाले नेताओं को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए यह चुनाव एक परीक्षा है, क्योंकि उन्हें जनता की नाराजगी से निपटना होगा।पुरुष आरक्षण आने की स्थिति में नोगेश्वर साहू, रूप नारायण साहू, कमलेश साहू, दशरथ यादव, षष्ठम साहू और फिरंगी पटेल जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है। महिला आरक्षण के मामले में भारती साहू, जो वर्तमान में मनोनीत उपाध्यक्ष हैं, सबसे आगे हैं।
कांग्रेस का दांव युवा और सामाजिक जुड़ाव पर
कांग्रेस खेमे में वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गोरेलाल सिन्हा का नाम सबसे आगे है। अपने सामाजिक कार्यों और लोकप्रियता के कारण वे कांग्रेस के लिए एक मजबूत उम्मीदवार हैं। सिन्हा का मानना है कि विकास केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से संभव है। कांग्रेस के पक्ष में कोपरा की सत्ता का इतिहास रहा है। इस बार भी पार्टी के पास मजबूत दावेदार हैं। ठाकुर ओंकार सिंह, ठाकुर राम साहू, योगेश साहू जैसे नाम प्रमुख हैं। इसके अलावा पूर्व उप सरपंच राजेश यादव नंदकुमार साहू महिला आरक्षण आने की स्थिति में मालती साहू, योगेश्वरी साहू और चितेश्वरी साहू प्रमुख दावेदार मानी जा रही हैं।
बदलाव की उम्मीदों पर निर्भर चुनाव
यह चुनाव न केवल नगर पंचायत कोपरा के भविष्य को दिशा देगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि जनता बीते कार्यकाल की कमियों से कितना सबक लेकर एक बेहतर नेतृत्व चुन सकती है। जनता की समझदारी और सही निर्णय कोपरा को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। आगामी चुनाव कोपरा के लिए सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि बदलाव और तरक्की की नई इबारत लिखने का अवसर है।