हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। रात के अंधेरे में एक सफर जो खुशी-खुशी शुरू हुआ था, वह चीख-पुकार और अफरा-तफरी में तब्दील हो गया। गरियाबंद के कस नाले के पास हुए दर्दनाक सड़क हादसे में 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि मौके पर चीख-पुकार मच गई और आसपास के लोग भी घबराकर बाहर निकल आए। घायलों में कई बच्चे भी शामिल ।
कैसे हुआ हादसा?
मिली जानकारी के मुताबिक, बोरसी से कोकड़ी-अमलीपदर किसी छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक ‘छोटा हाथी’ वाहन में 15 लोग सवार होकर गए थे। रात को वापस लौटते समय, कोकड़ी में कुछ लोगों को उनके घर छोड़ने के बाद बाकी 15 लोग बोरसी की ओर रवाना हुए। लेकिन कस नाले के पास जैसे ही वाहन पहुंचा, तेज रफ्तार और अनियंत्रित स्टीयरिंग के कारण संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी पलट गई।
रात के सन्नाटे में अचानक उठी चीखें सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े। कुछ ही देर में पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घायलों की हालत देखकर लोगों ने तत्काल जिला अस्पताल को सूचना दी, लेकिन जब तक एंबुलेंस पहुंचती, नगर के युवाओं ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

“बस एक झटका और सब अंधेरा हो गया…”
हादसे में बचे एक यात्री ने बताया, “हम सब बातें कर रहे थे, कोई हंस रहा था, कोई ऊंघ रहा था। तभी कस नाला मोड़ के पास ड्राइवर को मोड समझ नहीं आया और अचानक गाड़ी हिलने लगी और एक झटके में सड़क पर गिर गए। जब होश आया, तो खून ही खून था और लोगों की चीखें सुनाई दे रही थीं।”
गंभीर घायलों को रायपुर किया गया रेफर
घायलों की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन जिला अस्पताल पहुंचा जंहा डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया। 15 में से 9 घायलों की हालत गंभीर थी, जिसके चलते उन्हें रायपुर रेफर किया गया। अस्पताल में घायलों के परिजनों की भीड़ लग गई और पूरा माहौल गमगीन हो गया।
रात के हीरो बने नगर के युवा!
हादसे के बाद गरियाबंद नगर के युवाओं ने साबित कर दिया कि इंसानियत जिंदा है। बिना समय गंवाए उन्होंने अपने वाहनों में घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जिससे समय पर इलाज मिल सका। अगर वे मदद के लिए न आते, तो शायद स्थिति और भयावह हो सकती थी।
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