फोरलेन सड़क की मांग को लेकर विधायक जनक ध्रुव का जनता एक्सप्रेस में सफर, बस की खिड़की से झांकी हकीकत ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद

फोरलेन सड़क की मांग को लेकर विधायक जनक ध्रुव का जनता एक्सप्रेस में सफर फोरलेन सड़क की मांग को लेकर बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव ने बस में सफर किया और जनता की समस्याएं खुद महसूस कीं पढ़िए ये खास रिपोर्ट।

गरियाबंद जब नेता VIP कार छोड़ बस की सीट पर आकर बैठा, तो जनता भी थोड़ी चौंकी, थोड़ी खुश हुई और थोड़ी खट्टी-मीठी शिकायतें लेकर सामने आ गई। बिन्द्रानवागढ़ के विधायक जनक ध्रुव ने फोरलेन सड़क निर्माण की मांग को लेकर जो स्टाइल अपनाया, वह खुद भी रोड की तरह थोड़ा टेढ़ा और थोड़ा चौड़ा निकला।

दरअसल, सालों से मैनपुर से झरियाबाहरा तक फोरलेन सड़क की मांग हो रही है, मगर प्रशासन के कान में शायद ईयरफोन लगे हैं। इसी से तंग आकर विधायक साहब ने एकदम देसी तरीका अपनाया बस में बैठकर सीधे जनता के बीच पहुंच गए। हां, वही बस जिसमें छत से ज्यादा लोग लटकते हैं और सीट मिलने की खुशी किसी लॉटरी से कम नहीं होती।

फोरलेन सड़क की मांग को लेकर विधायक जनक ध्रुव का जनता एक्सप्रेस में सफर

फोरलेन सड़क की मांग को लेकर विधायक जनक ध्रुव का जनता एक्सप्रेस में सफर

फोरलेन सड़क की मांग को लेकर विधायक जनक ध्रुव का जनता एक्सप्रेस में सफर बस में बैठकर जानी समस्या

पहला झटका बस सुविधाओं की मिली।


दूसरा झटका झटका ही झटका, क्योंकि सड़क ही ऐसी थी।


तीसरा झटका यात्रियों की झड़ी, जिन्होंने अपनी समस्याओं की गठरी खोल दी।

किसी ने बताया कि देवभोग से दोपहर 2:00 बजे के बाद रायपुर जाना हो, तो बस का नामोनिशान नहीं। किसी ने कहा साहब, बस में ना पानी है, ना आराम, ना सम्मान छात्रों ने कहा बस में हमारी सीट तो कोई आरक्षित नहीं करता, आप आरक्षण करवा दीजिए। विधायक मुस्कराए करवा देंगे बेटा, अभी तो खुद खड़े रहना पड़ गया है।

जनता ने ली सेल्फी, विधायक ने लिया संकल्प

कुछ यात्रियों ने मोबाइल निकाला, विधायक के साथ खिंचवाई सेल्फी और बोले आप तो बड़े अलग अंदाज वाले निकले साहब!
इस पर विधायक ने भी मुस्कराकर जवाब दिया कभी-कभी सिस्टम को झकझोरने के लिए खुद सिस्टम का हिस्सा बनना पड़ता है।

कभी साइकिल कभी मोटरसाइकिल अब बस जनक ध्रुव की सवारी सीधा जनता तक


वैसे जनक ध्रुव पहले भी कई बार अतरंगी अंदाज में देखे गए हैं। कभी समर्थकों को चौंकाने साइकिल लेकर घर पहुंच जाते हैं, तो कभी पगडंडी पकड़कर बाइक से गांव की गलियों में घुस जाते हैं।
इस बार जनता की आवाज बनने का तरीका इतना सटीक रहा कि शायद प्रशासन को भी अब एक्सलेरेटर दबाना पड़े। वरना अगली बार विधायक साहब बस नहीं, बैलगाड़ी से भी सफर कर सकते हैं!

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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