हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
नक्सलियों का खुलासा एक साल में 357 की मौत नक्सलियों ने पहली बार स्वीकार किया कि 1 साल में 357 नक्सली मारे गए, जिनमें 136 महिलाएं भी शामिल हैं। दंतेवाड़ा व सुकमा में सबसे बड़ा नुकसान। नक्सल संगठन ने प्रेस नोट और बुकलेट जारी कर 28 जुलाई से शहीदी सप्ताह मनाने का ऐलान किया।
गरियाबंद सुकमा नक्सल संगठन की केंद्रीय कमेटी ने पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि पिछले एक साल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में 357 नक्सली मारे गए, जिनमें 136 महिला नक्सली भी शामिल थीं यह कबूलनामा नक्सलियों द्वारा जारी 24 पन्नों की एक बुकलेट और प्रेस नोट के माध्यम से सामने आया है, जो गोंडी बोली और अंग्रेज़ी भाषा में है।

नक्सलियों का खुलासा एक साल में 357 की मौत
नक्सलियों का खुलासा एक साल में 357 की मौत नक्सलियों की कबूल नामा रिपोर्ट के बड़े खुलासे
4 सीसी (सेंट्रल कमेटी) मेंबर और 15 राज्य कमेटी स्तर के नक्सली ढेर
सबसे बड़ा नुकसान दंडकारण्य ज़ोन में, जहां अकेले 281 नक्सली मारे गए
शहीद साथियों की याद में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाएंगे नक्सली
यह नक्सलवाद के पतन की शुरुआत है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पहली बार है जब नक्सली संगठन ने अपने नुकसान को इतने बड़े स्तर पर सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, जो बताता है कि नक्सल नेटवर्क में अंदरूनी हड़कंप मचा हुआ है।
प्रेस नोट नक्सलियों का टूटता मनोबल दिखा रही
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस प्रेस नोट को नक्सलियों की रणनीतिक असहायता और बैकफुट पर होने का संकेत मान रही हैं।नक्सलियों द्वारा जारी यह बुकलेट न सिर्फ उनके मनोबल की स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि सुरक्षा बलों की रणनीति अब पहले से अधिक असरदार और ज़मीनी स्तर पर मजबूत हो चुकी है।
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