हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
बिलासपुर। एक तरफ जहां लोग ऑनलाइन शॉपिंग और एप्स से सुविधाएं ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ठगी के नए-नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। बिलासपुर पुलिस ने एक ऐसे ऑनलाइन ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो अपने शिकार को ‘मैजिक वूमेन’ ऐप के जरिए आवाज बदलकर धोखा दे रहा था। यह मामला सिर्फ पैसे की ठगी नहीं, बल्कि साइबर अपराधियों के नए खतरनाक और सशक्त तरीके का खुलासा करता है।
कैसे हुआ ठगी का खेल?
जांजगीर जिले के रेलकर्मी मुरली पटेल के साथ ठगी का यह खेल शुरू हुआ जब उन्हें ‘मैजिक वूमेन’ ऐप के जरिए धमकाया गया। इस ऐप की मदद से ठगों ने अपनी आवाज बदलकर पटेल से संपर्क किया और उन्हें लाखों रुपये देने के लिए मजबूर कर दिया। पहले धमकियों से पटेल को घेरा गया, फिर उन्हें अलग-अलग तरीकों से डराया-धमकाया गया। पूरे मामले में 4 लाख 65 हजार रुपये की ठगी की गई, जिससे पटेल की जिंदगी उलझ कर रह गई।
बिलासपुर पुलिस की कार्रवाई: ठगी का पूरा रैकेट खत्म
बिलासपुर पुलिस ने इस अजीबोगरीब ठगी के मामले में तुरंत कार्रवाई की और ठगों को दबोच लिया। पुलिस ने आरोपी प्रीतम महंत, कामेश्वर साव और हेमसागर पटेल को गिरफ्तार किया और उनके पास से 2 लाख 60 हजार रुपये नगद, मोबाइल, एसी, वाशिंग मशीन और सोने-चाँदी के आभूषण बरामद किए। पुलिस की यह सख्त कार्रवाई दर्शाती है कि साइबर अपराधों के खिलाफ अब कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
साइबर ठगी का नया मोड़: क्या अब सुरक्षित हैं हम?
इस घटना ने साइबर ठगी के तरीके में एक नया मोड़ दे दिया है। जहां पहले लोग खुद को डील्स और फेक कॉल्स से ठगी का शिकार पाते थे, अब ऐप्स और आवाज बदलकर ठगी की जा रही है। सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल अपराधी अपने फायदे के लिए नए तरीके से कर रहे हैं, जो आम जनता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
कैसे बचें ऑनलाइन ठगी से?
यह मामला एक चेतावनी है कि हमें इंटरनेट और मोबाइल ऐप्स का उपयोग करते समय अधिक सतर्क रहना होगा। ठग अब न सिर्फ फेक कॉल्स से, बल्कि आवाज बदलने वाले ऐप्स और डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। ऐसे में आपको निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
- अजनबी कॉल्स से बचें – अगर कोई अजनबी कॉल करे और आपकी जानकारी मांगने लगे, तो उसे न उठाएं।
- संवेदनशील जानकारी न दें – बैंक विवरण, पिन कोड, पासवर्ड जैसी जानकारी किसी से भी साझा न करें।
- संदिग्ध लिंक से दूर रहें – किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी अनजान स्रोत से ऐप्स डाउनलोड करें।
- सुरक्षा सेटिंग्स का ध्यान रखें – अपने फोन और सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा सेटिंग्स को कड़ी रखें, जैसे टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन।