हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
एनएचएम हड़ताल गांधी मैदान में गूंजा कर्मचारियों का दर्द, सरकार से पूछा कब मिलेगा पूरा वेतन ? गरियाबंद के गांधी मैदान में एनएचएम संविदा कर्मचारियों का आंदोलन 22वें दिन भी जारी। आधी रोटी–आधा पेट थीम पर सरकार से नियमितीकरण और ग्रेड पे की मांग पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स पर।
गरियाबंद, आधी रोटी, आधा पेट जीवन चढ़ गया संविदा की भेंट गांधी मैदान में जब यह नारा गूंजा, तो सत्ताधीशों के सुशासन के वादे कहीं दूर तक नहीं दिखे। प्रदेश के 16 हजार एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का आंदोलन आज 22वें दिन भी जारी रहा। अब कर्मचारी सवाल पूछ रहे हैं । कब तक आधे वेतन पर पूरा घर चलेगा?

एनएचएम हड़ताल
एनएचएम हड़ताल पितृ पक्ष और सुशासन की पुकार
प्रदेश प्रतिनिधि भूपेश साहू और भूपेंद्र सिन्हा ने कहा आज पितृ पक्ष का पहला दिन है, हमने छत्तीसगढ़ के निर्माता अटल बिहारी वाजपेई का पूजन कर नियमितीकरण का आशीर्वाद मांगा। सुशासन का पाठ पढ़ाने वाली सरकार से उम्मीद थी, पर लगता है घोषणा पत्र भी अब ‘पितरों’ को समर्पित हो चुका है।
नेतृत्व और नारे
डॉ अमित मिरि, कौशलेश तिवारी, हेमंत सिन्हा समेत नेताओं के मार्गदर्शन में आंदोलनकारी कर्मचारी आधी रोटी आधा पेट की तख्तियां लेकर सड़क पर उतरे। गरियाबंद जिलाध्यक्ष अमृत राव भोंसले और कार्यकारी अध्यक्ष शेखर ध्रुवे ने कहा 20 साल से शोषित स्वास्थ्यकर्मी अब भूख की मार झेल रहे हैं, लेकिन सरकार की संवेदना शायद फाइलों में ही कैद है।
राज्य सरकार या केंद्र,बहाना कौन?
संविदा कर्मियों का तर्क है कि स्वास्थ्य और उसके कर्मचारी पूरी तरह राज्य सरकार के अधीन विषय हैं। बावजूद इसके मांगों को केंद्र पर टालना सिर्फ जिम्मेदारी से भागना है। कर्मचारियों ने कहा सरकार ने 160 से ज्यादा ज्ञापन खा लिए, पर समाधान की डकार तक नहीं आई। कर्मचारियों का दर्द साफ है आधा वेतन, पूरा शोषण ग्रेड पे सिर्फ भाषणों में ।
स्थायीकरण सिर्फ चुनावी मंचों पर
जिला संरक्षक प्रशांत अवधिया और डॉ शंकर पटेल ने कहा सरकार अगर चाह ले तो एक निर्णय से हज़ारों परिवारों के चूल्हे जल सकते हैं। लेकिन अभी तो संविदा कर्मचारियों की थाली में सुशासन की सूखी रोटी ही परोसी जा रही है।
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