हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
काल मी सर्विस या काल की सर्विस रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में काल मी सर्विस के खिलाफ महिला कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, फर्जी अटेंडेंस और अश्लील वीडियो बनाने के आरोप। स्वास्थ्य संगठनों का प्रदर्शन।
गरियाबंद राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल (मेकाहारा) में इन दिनों इलाज से ज्यादा “ठेका-तंत्र” का इलाज ज़रूरी हो गया है। स्वास्थ्य संगठनों का कहना है कि जिस “काल मी सर्विस” को अस्पताल की सफाई और सुरक्षा का ठेका मिला है, वह असल में अस्पताल के अंदर भय, भ्रष्टाचार और भद्देपन का “ठेकेदार” बन चुका है।

काल मी सर्विस या काल की सर्विस
काल मी सर्विस या काल की सर्विस स्वास्थ्य कर्मियों से दुर्व्यवहार, अश्लील वीडियो और जेल यात्रा!
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि काल मी सर्विस के सुपरवाइजर देव बिसेन के खिलाफ महिला कर्मचारियों से दुर्व्यवहार और अश्लील वीडियो बनाने जैसे गंभीर आरोप हैं। इतना ही नहीं, बिसेन तीन बार जेल भी जा चुका है, फिर भी सुपरवाइजर बना हुआ है — लगता है ठेके में क्लॉज नहीं, क्लास की कमी है।

कर्मचारियों का आरोप: ठेका लेकर जेब भरते हैं, कर्मचारियों का हक मारते हैं
संघ के संरक्षक ओ. पी. शर्मा ने बताया कि यह कंपनी पिछले 8-10 वर्षों से अलग-अलग नामों से ठेका लेकर कार्यरत है और हमेशा “जीरो प्रॉफिट” के नाम पर हाई कमीशन मॉडल चला रही है। फर्जी अटेंडेंस, अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन, और ड्रेस के नाम पर 10-10 हजार की वसूली — यह सब चलता है खुल्लम-खुल्ला!
संगठनों की मांग: काल मी सर्विस का ठेका रद्द हो, महिला समूहों को मिले जिम्मेदारी
स्वास्थ्य संगठनों ने स्पष्ट मांग की है कि काल मी सर्विस का ठेका तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और इसके स्थान पर महिला स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी जाए, ताकि अस्पताल के कर्मचारी भयमुक्त माहौल में कार्य कर सकें।
पत्रकारों से मारपीट पर भी आक्रोश
26 मई को पत्रकारों से हुई मारपीट को लेकर भी संगठनों ने कड़ी निंदा की है और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।
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