हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद, मैनपुर: मैनपुर के हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्राओं के साथ हुए कथित अभद्र व्यवहार और अनुचित शारीरिक स्पर्श के आरोपों ने शिक्षा व्यवस्था और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन करते हुए प्रशासन पर निष्क्रियता और लापरवाही के आरोप लगाए।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प
एबीवीपी के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने हरदीभाठा तालाब से रैली निकाली। रैली को पुलिस ने तालाब के पास रोकने की कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और एक घंटे की रोक के बाद आगे बढ़े। स्कूल के बाहर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बेरिकेट्स लगाए, लेकिन कार्यकर्ताओं ने गेट पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
क्या हैं आरोप?
छात्राओं ने स्कूल के कुछ शिक्षकों पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल, अनुचित व्यवहार और मानसिक दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। शिकायतों के मुताबिक, कुछ शिक्षक छात्राओं को नंबर कम करने की धमकी देकर डराते थे। एबीवीपी ने इसे न केवल छात्राओं की गरिमा पर आघात बताया, बल्कि शैक्षणिक माहौल को दूषित करने वाला गंभीर मामला करार दिया।
एबीवीपी की मांगें और चेतावनी
एबीवीपी ने मामले की निष्पक्ष जांच, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और स्कूल में छात्राओं की सुरक्षा के लिए निगरानी समिति के गठन की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
प्रशासन पर उठे सवाल
प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी नेताओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। संगठन के जिला संयोजक रंजन यादव और पूर्व नगर मंत्री क्षितिज नारायण तिवारी ने प्रशासन की धीमी कार्रवाई पर सवाल उठाए। तिवारी ने कहा, “इतने गंभीर मामले पर जांच अब तक शुरू न होना समझ से परे है। प्रशासन कहीं दबाव में तो नहीं?”
राजनीतिक दृष्टिकोण से चर्चा का विषय
चर्चा का विषय यह भी है कि भाजपा से जुड़े संगठन एबीवीपी को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हाल के महीनों में यह दूसरा बड़ा प्रदर्शन है। इससे पहले गोहरापदर में एबीवीपी ने चक्काजाम किया था।
प्रशासन का आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम पंकज डाहिरे और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने ज्ञापन स्वीकार कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक ठोस कदम उठाए जाने की कोई घोषणा नहीं हुई है।