हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद राजिम, त्रिवेणी संगम पर जब 70 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान किया, तो न केवल आस्था की गंगा बही, बल्कि छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनाने की योजना भी आकार लेने लगी। महाशिवरात्रि 2025 के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने भगवान श्री राजीव लोचन और कुलेश्वर महादेव के दर्शन कर इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने। लेकिन असली आकर्षण था वो बड़ा ऐलान, जिससे राजिम कुंभ आने वाले वर्षों में और भव्य होने वाला है!

54 एकड़ में बनने जा रहा है ‘छत्तीसगढ़ का प्रयागराज’!
मुख्यमंत्री साय ने राजिम महाकुंभ 2025 के मंच से घोषणा की कि 54 एकड़ भूमि पर एक विशाल आध्यात्मिक केंद्र विकसित किया जाएगा, जो राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयागराज बना देगा। यहां आधुनिक सुविधाओं के साथ धर्मशालाएं, सांस्कृतिक केंद्र और आध्यात्मिक साधना स्थल बनाए जाएंगे, जिससे राजिम कुंभ मेला आने वाले वर्षों में और भव्य होगा।
मोदी गारंटी से महाकुंभ का भविष्य उज्ज्वल!
सीएम साय ने मंच से कहा—”छत्तीसगढ़ में मोदी गारंटी को हम पूरी निष्ठा से साय-साय पूरा कर रहे हैं!” धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है, जिससे राजिम कुंभ 2025 देशभर के श्रद्धालुओं के लिए और आकर्षण का केंद्र बनेगा।
राजिम कुंभ: अब सिर्फ आस्था नहीं, धार्मिक पर्यटन का नया हब!
राजिम कुंभ मेला अब सिर्फ पुण्य स्नान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस बार बनाए गए राज्य पवेलियन में 25,000 श्रद्धालु पहुंचे, जो बताता है कि इस आयोजन को लेकर लोगों में कितना उत्साह है।
क्या छत्तीसगढ़ का यह कुंभ अगले दशक में काशी-हरिद्वार को टक्कर देगा?
सरकार के इस विजन के बाद सवाल उठता है—क्या आने वाले वर्षों में राजिम कुंभ मेला की भव्यता काशी कुंभ, हरिद्वार कुंभ और उज्जैन महाकुंभ को टक्कर देगी? अगर इस दिशा में योजनाओं को तेजी से लागू किया गया, तो राजिम महाकुंभ जल्द ही भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में अपनी अलग पहचान बना सकता है!
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