हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
रानू साहू निलंबित IAS रानू साहू की संपत्तियों की जांच अब पीडब्ल्यूडी करेगा। तुलसी गांव का फार्म हाउस, रेस्टोरेंट और महंगे सामान चर्चा में। जानिए पूरी रिपोर्ट पैरी टाईम्स पर
गरियाबंद आय से अधिक संपत्ति का नया अध्याय अब तुलसी गांव की जमीन से शुरू हो चुका है। निलंबित IAS रानू साहू की मुश्किलें वैसे ही कम नहीं थीं, लेकिन पीडब्ल्यूडी अब उनके फ़ार्म हाउस और दुकानों की जांच करने जा रहा है।

रानू साहू
रानू साहू का IAS से भ्रष्टाचार तक का सफर
कहानी इतनी सीधी भी नहीं है । जिस जमीन पर खेती-बाड़ी होनी चाहिए थी, वहां पर रेस्टोरेंट और आलीशान सुविधाओं का सीजनल सेल चल रहा था। राजस्व विभाग ने ज़मीन को सील कर दिया, लेकिन अंदर से सब्ज़ियों की जगह महंगी इलेक्ट्रॉनिक्स, इंटीरियर और फ़र्नीचर का कलेक्शन भी मिला। अब पीडब्ल्यूडी यह हिसाब लगाएगा कि ये भवन खड़े कैसे हो गए? वो भी बिना ग्राम पंचायत की परमिशन के ?
जमानत तो मिली मगर राज्य में आने के अनुमति नहीं
22 जुलाई 2023 को ईडी ने रानू साहू को गिरफ्तार किया था। कोर्ट से ज़मानत भले मिल गई हो, लेकिन मार्च 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा बाहर रहो, लेकिन पेशी के लिए छत्तीसगढ़ आना होगा अब सवाल ये है कि बाहर की दुनिया भले सीमित हो, लेकिन अंदर की संपत्ति का विस्तार इतना असीमित कैसे हो गया वो चंद महीनों में ?
आलीशान फॉर्म हाउस निर्माण के बाद तुलसी गांव आया सुर्खियों में
जहां किसान बीज और खाद के लिए लाइन लगाता है, वहीं तुलसी गांव की जमीन पर कैफेटेरिया और फ़ार्म हाउस की कहानियां उगाई जा रही हैं। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर अब यह तय करेंगे कि यह फसल पसीने की सिंचाई से उगी है या सिस्टम की छांव में।
कभी गरियाबंद के लिए शान हुआ करता था रानू साहू का नाम मगर अब उसी नाम के साथ भ्रष्टाचार की नई कहानी सुनाई देती है
जब रानू साहू का आईएएस के तौर पर चयन हुआ था, तब गरियाबंद जिले में मानो त्यौहार-सा माहौल था। लोग गर्व से कहते थे हमारे जिले की बेटी अब अफसर बनी है। लेकिन वक्त ने करवट क्या ली, वही बेटी अब भ्रष्टाचार की किताब का नया अध्याय बन गई।आज हालात ऐसे हैं कि गरियाबंद के लोग जिन्होंने उनके चयन पर मिठाइयाँ बंटी थीं, उन्हीं के नाम पर अब आरोपों की कड़वी गोली निगलनी पड़ रही है।कहते हैं IAS अफसर जनता की सेवा के लिए होते हैं, मगर यहां तो मामला उल्टा निकला सेवा के नाम पर संपत्ति की खेती और ईमानदारी की फसल को कर्ज़ में डुबो दिया गया।
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